उत्तराखण्ड। मजार तोड़ने पहुंची वन विभाग की टीम को ग्रामीणों का झेलना पड़ा भारी विरोध।
- खानपुर रेंज की सीमा पर लगे बाबा हबीबुल्लाह शाह के मजार को तोड़ने पहुंची थी वन विभाग की टीम
आरिफ नियाज़ी\उत्तराखण्ड। सरकार के लैंड जिहाद के एलान के बाद अब वन विभाग की टीम भी पूरी तरह से मुस्तहैद दिखाई दे रही है। खानपुर रेंज में जंगल में बने सभी मजारों को रेंज अधिकारियों ने चिन्हित किया है जिनपर कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है लेकिन आज खानपुर वन रेंज के अधिकारी अपने भारी सुरक्षा कर्मियों के साथ खानपुर की सीमा पर लगे एक बेहद पुराने मजार को तोड़ने के लिए निकले थे हालांकि उनके पास जेसीबी तो नहीं थी लेकिन उन्होंने हथौड़ों से दरगाह को ध्वस्त करना शुरू कर दिया । इसकी सूचना किसी ने मोबाइल फोन से सिकरौढ़ा गांव तक पहुंचा दी फिर क्या था देखते ही देखते गांव की भारी भीड़ मौके पर पहुंच गई और हंगामा शुरू हो गया जिसके बाद ग्रामीणों के भारी विरोध के सामने वन विभाग की टीम को मौके से बैरंग लौटना पड़ा।ग्रामीणों का आरोप है की वन विभाग की टीम के पास दरगाह तोड़ने का कोई आदेश नहीं था। जबकि यह सैंकड़ों साल पुरानी दरगाह है जिसे वन विभाग तोड़ना चाहता है।
गौरतलब है की खानपुर वन रेंज और सिकरौढा गांव की सीमा पर बाबा हबीबुल्लाह शाह की बहुत पुरानी दरगाह बताई जाती है जिसकी ग्रामीणों द्वारा टीन शेड डालकर चार दिवारी का भी निर्माण काफी समय पहले कराया गया है। अब उत्तराखंड सरकार के जैसे ही लैंड जिहाद के आदेश हुए तो वन विभाग की टीम भी सक्रिय हो गई और जंगल में बने सभी अवैध मजारों को चिन्हित करने में जुट गई । आज बाबा हबीबुल्लाह शाह के मजार को ध्वस्त करने के लिए वन विभाग की टीमअपने भारी भरकम स्टाफ के साथ जैसे ही मौके पर पहुंची तो इसकी भनक सिकरोढा और आसपास के गांव के लोगों तक पहुंच गई जिसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने वन विभाग द्वारा दरगाह तोड़ने का भारी विरोध किया। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए वन विभाग की टीम में अफरा तफरी मच गई और वह मौके से निकल गई।इस बाबत ग्रामीण राव नईम का कहना है की बाबा हबीबुल्लाह की सैंकड़ों साल पुरानी दरगाह है इस दरगाह की मान्यता यह है की जो भी यहां आता है वह बाबा के दरबार से खाली हाथ नहीं लौटता उसकी सभी मन्नत मुरादें पूरी होती हैं ।बाबा की दरगाह काश्त की भूमि में है जिसका वन विभाग से कोई लेना देना भीं नहीं है अगर वन विभाग इसे तोड़ने की कोशिश करेगा तो ग्रामीण इसका कड़ा विरोध करेंगे चाहे इसके लिए आंदोलन ही क्यों ना करना पड़े। उन्होंने बताया की वन विभाग की टीम किस अधिकारी के आदेश से इस मजार को तोड़ने आए थे इसका जवाब किसी के पास नहीं था इस मजार को किसी भी सूरत में तोड़ने नहीं दिया जाएगा।वहीं खानपुर रेंजर मान सिंह का कहना है की वह शासन के आदेश पर एसडीओ साधु राम और अपनी पूरी टीम के साथ मजार को तोड़ने गए थे लेकिन ग्रामीणों ने जब इसका विरोध किया तो वह वापस लौट गए।