सीतापुर। आत्मनिर्भर दिव्यांग एकता फाउंडेशन के द्वारा शिकायती पत्र अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा।
- विभाग की बड़ी लापरवाही के कारण दिव्यांगों का प्रमाण पत्र बनने में हो रही समस्याएं।
शरद कपूर\सीतापुर। जनपद सीतापुर कार्यालय मुख्य चिकित्साधिकारी के प्रांगण में जनपद के दिव्यांग जनों का पंजीकरण एवं परीक्षण किया जाता है। परंतु दिव्यांगों के लिए मुख्य दस्तावेज दिव्यांग प्रमाण पत्र होता है । जिसको बनवाने के लिए विभाग के द्वारा सात से आठ माह लगा रहे हैं । लाभार्थी को विभाग से पांच से छः महीने की तारीख दी जाती है उसके बाद लाभार्थी का परीक्षण किया जाता है।
उसके उपरांत दिव्यांग प्रमाण पत्र तैयार किया जाता है। विभाग की बड़ी लापरवाही के कारण दोनों पैरों से दिव्यांग होते हुए भी उन लोगों का दिव्यांग प्रमाण पत्र का कम प्रतिशत का दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किया गया है । सुनीता पत्नी राजू, कुलदीप पुत्र रामखेलावन, ऊषा देवी पुत्री शिवराज, सुरेंद्र पुत्र रामदयाल,रफी पुत्र दिलदार, लुकमान , सुऐब पुत्र अजीज, रामखेलावन आदि इन लोगों का 45 से 60 के बीच प्रमाण पत्र जारी किया गया है। जिससे इन दिव्यांगों को अति मूलभूत सुविधाओं का लाभ से वंचित रहने से मजबूर हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव सिंह, राष्ट्रीय सचिव बिंदू मौर्या, कोषाध्यक्ष विजय पाल, गुड्डू, प्रदीप कुमार मौर्य, लक्ष्मी, कालंद्री, पूजा, अलका, हरिलाल, आदि पदाधिकारी व सदस्यगण उपस्थित रहे।