बाराबंकी। दूरबीन से एक दिन में होगा कान के रोगों का उपचार, नाक, कान और गले की रोगों के प्रति हो गंभीर - डॉ. साइमा
बाराबंकी। अब जिला अस्पताल में नाक, कान और गले की डॉ. साइमा अज़ीम द्वारा किया जा रहा चीरा रहित कान का ऑपरेशन इसमें दूरबीन द्वारा कान के पर्दे की मरम्मत की जा सकती है। जिसमे चीरा भी नहीं लगता और मरीज़ उसी दिन घर भी वापस जा सकता है। डॉ. साइमा बताती है कि यह कान के ईलाज का सबसे आधुनिक तरीका है, जो लखनऊ में भी केवल मेडिकल कॉलेज में ही हो पाता है।
कान की बहुत सी बीमारियां होती है। जिनमें से सबसे आम बीमारी है पर्दे में छेद का होना। कान का बार - बार बहना। सुनाई देने में तकलीफ होना ये इस बीमारी के सामान्य लक्षणो में से एक है। इस लक्षण को नज़र अंदाज़ करने से कान की सुनाई देने वाली हड्डियां जो बेहद नाजुक होती है वो गलने लग जाती है। जिससे सुनाई देना धीरे - धीरे कम होने लगता है। डॉ. साइमा ने कहा कि शुरुआत में ही इसके लक्षण जैसे चक्कर आना , चेहरे का टेढ़ापन , दिमागी बुखार या फोड़ा भी हो सकता है। इसीलिए कान की समस्या को नज़रअंदाज़ ना करें और जल्द से जल्द इसका इलाज करवा ले।
- नाक और गले के रोगों का ईलाज
गले की रोगों जैसे घेँघा, थाॉयराइड, सांस की नली और खाने पीने की सामग्री को घोटने में होने वाली तमाम बीमारियों का ईलाज संभव बताया। उन्होंने किसी की द्वारा कोई सिक्का आदि घोटने का भी सफल ईलाज होने की बात कही। इसी क्रम में डॉ. साइमा ने बताया कि नाक की हड्डी का बढ़ना, टेढ़ा होना जैसे तमाम नाक की रोगों का जिला अस्पताल में उपचार संभव होने की जानकारी दी।