अयोध्या। राम मंदिर परिसर के कुबेर टीला पर विराजेंगे पक्षीराज जटायु, कुबेर टीला पर पक्षीराज जटायु का मन्दिर बनाने की योजना।
अयोध्या। रामजन्मभूमि परिसर में बन रहे रामलला के मंदिर के पास उसी परिसर में शामिल पौराणिक महत्व के कुबेर टीला को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट संरक्षित करते हुए इसका सुंदरीकरण कराने में जुटा हुआ है। कुबेर टीला पर ही पक्षीराज जटायु का मंदिर बनाए जाने की योजना है।
बता दे कि जनवरी, 1993 में अधिग्रहण से पहले कुबेर टीला रामनगरी के चुनिंदा दर्शनीय स्थलों में शामिल रहा है। अयोध्या का इतिहास विवेचित करने वाले ग्रंथ रूद्रयामल के अनुसार, युगों पूर्व यहां धन के देवता कुबेर का आगमन हुआ था। उन्होंने श्रीरामजन्मभूमि के निकट ही ऊंचे टीले पर शिवलिंग की स्थापना की थी। कालांतर में यहां मां पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी, कुबेर सहित कुल नौ देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित की गई और श्रद्धालुओं के बीच यह स्थल नौ रत्न के नाम से पूजित-प्रतिष्ठित हुआ।
राममंदिर के साथ-साथ रामजन्मभूमि कई अन्य छोटे-छोटे मंदिर भी बनाए जाने हैं जिसमें माता सीता, गुरु वशिष्ठ, संत तुलसीदास, पक्षीराज जटायु, माता शबरी आदि का भी मंदिर बनाए जाने की योजना है। सभी मंदिरों के लिए अलग-अलग स्थान भी तए किए गए हैं। इसी क्रम में कुबेर टीला पर पक्षीराज जटायु का मंदिर बनाया जाएगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कुबेर टीला का सुंदरीकरण करा रहा है। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि जटायु का मंदिर कुबेर टीला पर बनाया जाना है, इसके सुंदरीकरण का काम चल रहा है। परिसर में स्थित सभी पौराणिक धरोहरों को संरक्षित कर उन्हें भव्यता प्रदान की जाएगी।