देवबंद। दारुल उलूम ने छात्रों के भोजन बेचने पर लगाई पाबंदी, दो वक्त मिलता है संस्था से भोजन, कुछ छात्र बाहरी लोगों को बेच देते हैं खाना।
देवबंद। शिक्षण संस्था दारुल उलूम के मोहतमिम द्वारा छात्रों को संस्था द्वारा मिलने वाला भोजन बेचने पर पाबंदी लगा दी गई है।इसका ऐलान दारूल उलूम परिसर में चस्पा किया गया है।जिसमें चेतावनी दी गई है कि संस्था द्वारा दिया गया भोजन बेचने वाले तलबा (छात्रों) के खिलाफ प्रबंधन द्वारा सख्त कार्रवाई की जायेगी।दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम द्वारा घोषणा की गई है कि संस्था के द्वारा पढ़ने वाले तलबा को दो वक्त का भोजन इसलिए दिया जाता है कि वह खाना बनाने की परेशानियों से बच सकें।सारा समय अपनी पढ़ाई को दे सकें।दारुल उलूम के मोहतमिम द्वारा जारी ऐलान में कहा गया कि तलबा संस्था द्वारा दिये जाने वाले भोजन को हरगिज कहीं ना बेचें।यदि भोजन न लेना हो तो प्रार्थना पत्र देकर इसके बदले में 700 रुपए महीना प्राप्त किए जा सकते हैं।
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दारूलउलूम मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी |
उन्होंने कहा कि इस ऐलान के बाद यदि कोई तलबा भोजन बेचते हुए पकड़ा गया तो पहली बार में उसे 2 महीने के लिए और दूसरी बार पकड़े जाने पर पूरे साल के लिए संस्था से मिलने वाली मदद को बंद कर दिया जाएगा और अन्य संस्थागत कार्रवाई भी की जाएगी।इसकी चेकिंग के लिए उस्तादों को तैनात कर दिया गया है।विदित हो कि दारुल उलूम द्वारा दोपहर और शाम के समय वहां पढ़ने वाले छात्रों को निशुल्क भोजन दिया जाता है।लेकिन कुछ तलबा भोजन को बेच देते हैं और बाहरी लोग इसको खरीद लेते हैं और बड़े चाव से खाते हैं। दारुल उलूम द्वारा जारी एक अन्य ऐलान में देवबंद के निकट बहने वाली साखन नहर पर नहाने के लिए जाने वाले तलबा पर पाबंदी लगा दी है।प्रबंधन का कहना है कि वहां जाते हुए कई तलबाओं के साथ हादसे हो चुके हैं।निगरानी कराई जा रही है।यदि कोई तलबा सांखन नहर पर नहाते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।