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    अंबेडकरनगर। किछौछा में दिलचस्प हुआ नगर पंचायत का चुनाव, तीन दशक से सपा बसपा के कब्जे में रहा है चैयरमैन का पद।

    अंबेडकरनगर। अपराध मुक्त समाज के साथ सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के मूल मंत्र पर चलते हुए नगर पंचायत अशरफ पुर किछौछा में जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी अध्यक्ष पद पर काबिज होने की जुगत में है वही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता पहली बार कमल खिलाने के प्रयास में  हैं। हालांकि बसपा भी नगर पंचायत अध्यक्ष पद की सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।

    नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा की चेयरमैनी बारी बारी से  सपा और बसपा के कब्जे में रही है। भाजपा अभी तक इस नगर पंचायत में कमल खिलाने में नाकाम रही है। सपा और बसपा की महिला प्रत्याशियों के पतियों की छवि साफ सुधरी नहीं मानी जाती हैं। फिर भी इन दोनों दलों की महिला उम्मीदवार अपने पतियों के रसूख के चलते चुनाव जीतती रही हैं। इस बार भाजपा ने युवा नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके ओमकार गुप्ता को चेयरमैन प्रत्याशी के रूप में उतार कर इस सीट पर पहली बार कमल खिलाने की मंशा बनाई है। अनारक्षित इस सीट पर पिछड़े वर्ग का कार्ड खेलते हुए भारतीय जनता पार्टी ने स्वच्छ छवि एवं युवा चेहरा का दावा करते हुए ओमकार गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारकर नगर पंचायत को विकास के मॉडल के रूप में सवारने के साथ अपराध एवं भय मुक्त समाज की स्थापना का संदेश देने का दावा किया है। जबकि बसपा एवं सपा के द्वारा महिला प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा गया है। सपा और बसपा के द्वारा महिला प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने के पीछे उनके पतियों की दागदार छवि बताई जा रही है। जिस कारण उनके पतियों के स्थान पर उन्हें कई बार से नगर पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ाया जा रहा है। पतियों की छवि स्वच्छ न होने के बावजूद भी इस सीट पर चंद्रभान यादव की पत्नी दुर्गावती यादव  व सैयद गौस अशरफ की पत्नी शबाना खातून 3-3 बार चुनाव जीत चुकी हैं। फिलहाल अभी तक दोनों ही चेयरमैन रही हैं प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार अभियान भाजपा प्रत्याशी ओमकार गुप्ता के प्रचार अभियान की अपेक्षा धीमा नजर आ रहा है। नामांकन व उससे पहले संभावित प्रत्याशियों के द्वारा किए जा रहे प्रचार-प्रसार पर गौर फरमाएं तो भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता एवं चेयरमैन प्रत्याशी ओमकार गुप्ता काफी पहले से भाजपा  कार्यकर्ताओं के साथ अपने चुनावी प्रचार अभियान को संभालते हुए भाजपा सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्य एवं क्षेत्र को भय व अपराध मुक्त समाज बनाने की बात करते हुए जनता के बीच जनसंपर्क अभियान चलाए हुए हैं।जबकि बसपा प्रत्याशी शबाना खातून के चुनावी प्रचार की बागडोर बसपा नेताओं के साथ सैयद गौस अशरफ संभाले हुए हैं। वही सपा प्रत्याशी दुर्गावती का भी यही हाल है। उनकी चुनावी कमान उनके पति चंद्रभान यादव ने सपा के वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ संभाल रखी है। इस सीट पर कांग्रेस ने अपना कोई प्रत्याशी नहीं खड़ा किया है। जबकि गुलाम रब्बानी उर्फ गुड्डू, प्रियका गौतम, गुरुप्रसाद, रामबचन, रईस अहमद सहित कई छोटे दलों व निर्दल प्रत्याशी भी चुनाव प्रचार अभियान में जुट गए हैं। गुरुवार को नाम वापसी के बाद शुक्रवार को सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह भी आवंटित किए जा चुका है।जनपद की अन्य सीटों के साथ इस सीट पर मतदान आगामी 11 मई को होगा।और 13 मई को मतगणना के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि इस सीट पर भाजपा पहली बार कमल खिलाने में कामयाब होगी। या पुनः सपा- बसपा का वर्चस्व ही कायम रहेगा है।

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