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    मऊ। राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर निकाली गई जागरुकता रैली।

    मऊ। राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर मंगलवार को जन-जागरूकता के उद्देश्य से स्कूली बच्चों ने स्वास्थ्य विभाग के साथ रैली निकाली। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नरेश अग्रवाल ने रैली को हरी झंडी दिखाई। यह रैली पठान टोला, मठिया टोला के क्षेत्रों से होकर गुज़री । रैली में सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य व बच्चे, भरहूकापुरा, छोटी महरनिया नगरीय स्वास्थ्य केंद्र के एमओ अपने समस्त कर्मचारियों के साथ इस रैली में सम्मिलत हुए। इसी तरह जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर गोष्ठी व बैठकों का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य जनमानस को डेंगू के कारणों और इससे जुड़े बचाव के बारे में जागरूक करना है। 

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि डेंगू के सबसे मुख्य लक्षणों में हड्डियों का दर्द शामिल है, इसी वजह से डेंगू बुखार को हड्डीतोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ितों को इतना अधिक दर्द होता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गई हो। यह बुखार संक्रमित एडिज मच्छर के काटने से होता है जो दिन के समय काटता है। सीएमओ ने इससे बचाव के बारे में जानकारी दी और कहा कि यह एडीज मच्छर जमीन से तीन फिट से ज्यादा उपर नहीं उड़ सकता इसलिये मच्छरों के काटने वाली जगहों पर शरीर को ढक कर रखें, फुल आस्तीन के कपड़े तथा पैरों में समय और ऋतु के अनुसार मोज़े पहने। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, दिन में शरीर के खुले स्थानों पर मच्छर भगाने वाला स्प्रे  का प्रयोग करें।

    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डा. आरएन सिंह ने बताया कि जिन क्षेत्रों में रैली निकाल कर जागरुकता का प्रसार किया गया है, उन जगहों पर पिछले सत्र में इस मच्छरजनित रोग का संचार हुआ था। इसलिये इस बीमारी से निपटने के लिए स्वच्छता जरुरी है

    डा सिंह ने बताया कि डेंगू के लक्षणों में तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज़ बुखार, जोड़ों में दर्द, उल्टी  साथ ही गंभीर लक्षण होने पर मसूड़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, होता  है। इस मच्छर के काटने के 5 से 6 दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लग जाता है। ऐसे लक्षणों के दिखाई पड़ते ही अपने नजदीकी राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहुचें यहाँ सभी इलाज जाँच सरकार के खर्च पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि डेंगू का बुखार खासतौर पर बारिश के मौसम में होता है क्योंकि इसी दौरान एडिज मच्छरों को पनपने के लिए जगह-जगह जमा हुआ भरपूर पानी मिलता है। वर्ष 2022 में जिले में 32 डेंगू के मरीज चिन्हित हुए थे, जिन्हें समुचित इलाज देकर स्वस्थ किया गया। वर्ष 2023 में अबतक एक भी डेंगू का मरीज नहीं पाया गया। 

    जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि घर व आसपास जल जमाव मुक्त क्षेत्र बनाएं, अपने पास कूलर, गमले और टायर आदि में पानी न रहने दें। पानी की टंकियों को सही तरीके से ढंक कर रखें। खिड़की और दरवाजों में जाली लगीं हों। कूलर या पानी वाली जगहों पर मिटटी का तेल  तेल का छिड़काव करें। घर के अंदर और आस-पास सफाई रखें। बुखार होने पर उबला स्वच्छ  जल और नारियल पानी पीने में इस्तेमाल करें।

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