प्रयागराज। अतीक अहमद और अशरफ को किया गया सुपुर्द-ए-खाक , हत्यारों को भेजा गया जेल, क्या है कुछ अहम बातें यह भी जानिए।
सैयद उवैस अली (संपादक)
उत्तरप्रदेश - उत्तराखण्ड
प्रयागराज। प्रयागराज में शनिवार शाम तीन हमलावरों की ताबड़तोड़ गोलियों का शिकार हुए माफिया-राजनेता पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शवों को रविवार रात यहां के कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा के बीच सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद अतीक और अशरफ के शव शाम करीब साढ़े छह बजे कब्रिस्तान लाए गए। उन्होंने बताया कि रीति रिवाजों के बाद दोनों को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान मृतकों के चंद दूर के रिश्तेदार ही इस मौके पर मौजूद रहे। कोई भी करीबी रिश्तेदार यानी अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके नाबालिग बेटे एहजान और अबान में से कोई भी मौजूद नहीं रहा।
इस मामले से जुड़ी 10 अहम खास बातें
- अतीक अहमद और उसके भाई को गोली मारने के आरोप में कोर्ट ने लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह, और अरुण मौर्य को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने इन तीनों को रविवार को कोर्ट में पेश किया था।
- पुलिस के मुताबिक, तीनों आरोपियों ने कहा है कि वे अतीक अहमद के गिरोह का सफाया कर अपना नाम बनाना चाहते थे. आरोपियों ने हत्या की सावधानीपूर्वक योजना बनाई थी और पूरे दिन अतीक अहमद का पीछा भी किया था।
- अतीक अहमद को उसके भाई अशरफ का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव को प्रयागराज स्थित उसके गांव में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
- अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को लेकर राजनीति भी गरम है. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना को लेकर राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।
- इस घटना के बाद सीएम योगी ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की. उन्होंने अधिकारियों को राज्य में शांति बनाए रखने के निर्देश दिए।
- हालांकि, राज्य सरकार ने अतीक अहमद की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी तक कोई कड़ा कदम नहीं उठाया है।
- अतीक अहमद की हत्या के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने भी उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. और सीएम योगी से इस्तीफा भी मांगा।
- इस घटना को लेकर राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी का भी गठन किया है. जो अगले दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
- अतीक अहमद को प्रयागराज में शनिवार रात को सरेआम गोली मार दी गई थी। इस दौरान उसके साथ सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे। हमलावर पत्रकारों के भेष में पहुंचे थेअतीक की हत्या करने के बाद उन्होंने धार्मिक नारे भी लगाए।
- कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह है ये घटना-कांग्रेस नेता अजय राय
प्रयागराज में हुई अतीक और अशरफ की हत्या पर कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि ये घटना उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, सुरक्षा घेरे में किसी की हत्या हो जाना बड़ा सवाल है। सरकार को तत्काल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और पुलिस कस्टडी में कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है।
- अतीक-अशरफ को मारने वाले तीनों आरोपी कॉन्ट्रैक्ट किलर
अतीक अशरफ हत्याकांड में अब तक कि जांच में यही पता चला है कि तीनो आरोपी कॉन्ट्रैक्ट किलर है। ये तीनों एक दूसरे को पहले से नहीं जानते थे, तीनों अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। इन तीनो को एक साथ लाकर, रेकी करवाने, होटल में रुकवाने, विदेशी हथियार देकर, मीडिया का फर्जी आईडी कार्ड-बूम और कैमरा देकर अतीक-अशरफ की हत्या के लिए भेजने वाले मास्टरमाइंड की पड़ताल करने में यूपी पुलिस जुटी हुई है।
- अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीनों शूटर को 14 दिन की जेल
प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मारने वाले तीनों आरोपियो को 14 दिन की जेल में भेजा गया है। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों शूटर अरुण मौर्य, सन्नी सिंह और लवलेश तिवारी को प्रयागराज की अदालत में पेश किया गया था।
- विपक्षी नेताओं ने यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए
अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यूपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश में अराजकता और कानून-व्यवस्था के पूरी तरह चरमरा जाने से स्तब्ध हूं। ये शर्मनाक है कि अपराधी अब पुलिस और मीडिया की मौजूदगी से बेफिक्र होकर कानून अपने हाथ में ले रहे हैं। इस तरह के गैरकानूनी कृत्यों का हमारे संवैधानिक लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। उत्तर प्रदेश के पूर्व CM अखिलेश यादव और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी योगी सरकार को इस मामले पर घेरा है।