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    देवबंद। जहान ए अदब अकेडमी के तत्वावधान में ईद के पर मौके महफिल ए मुशायरा का किया गया आयोजन।

    • तुझे क्या मिला सितमगर मुझे बे करार करके: तनवीर अजमल

    देवबंद। साहित्य व समाजी संस्था जहान ए अदब अकेडमी के तत्वावधान में बैरून कोटला उर्दू घर स्थित शायर तनवीर अजमल के निवासी पर ईद के अवसर पर एक महफिल ए मुशायरा का आयोजन किया गया।जिसमें शायरों,और साहित्यकारों ने अपनी गजले और रचनाओं से ईद मिलन पर प्यार और मोहब्बत का संदेश दिया।ईद मिलन का उदघाटन समाज सेवी मसरूर ठेकेदार ने फीता काट कर किया तथा शायर दिलशाद खुश्तर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।महफिल की शमा रोशन जनाब फारुख रजा ने संचालन  जहान ए अदब अकेडमी के चेयरमैन शायर तनवीर अजमल द्वारा किया गया।

     मुशायरे में अपना कलाम पेश करते शायर 

    मुशायरे में अपना कलाम पेश करते हुऐ शायर तनवीर अजमल ने कुछ यूं सुनाया कि तुझे क्या मिला सितमगर मुझे बे करार करके,पत्थर सा बन गया हूं तेरा इंतजार करके । शमीम किरतपुर ने सुनाया कि जो बन संवर के कही हम जरा निकल आते,कदम कदम पे वहा दिलरुबा निकल आते।दिलशाद खुश्तर ने अपना कलाम पेश करते हुऐ सुनाया कि गैर के घर तो किया तुमने उजाला जाकर, मेरी दुनिया भी थी बे नूर तुम्हे क्या मालूम।अदनान अनवर ने सुनाया कि मोहब्बत से जो देखे मां की सूरत,समझ लो तिलावत हो रही हैं।आजम साबरी ने कुछ यूं सुनाया कि जब भी देखता हूं आइना,में नहीं आइना सवरता हैं।मुशायरे में इनके अलावा रजी उस्मानी,सूफी कमरुज्जमा साबरी,सरवर साबरी,नफीस खान आदि शायरों ने अपने अपने कलाम पेश किए।

    इस दौरान नबील उस्मानी,भूरा भाई,आसिफ साबरी, मोहम्मद अनस,उवैस सिद्दीकी,मोहम्मद इसरार, नदीम अहमद,उस्मान कुरेशी,नसीर अहमद आदि मौजूद रहे।कार्यक्रम के अन्त में शायर तनवीर अजमल ने सभी लोगो का शुक्रिया अदा किया।

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