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    कानपुर। पूर्व सांसद अतीक अहमद एवं पूर्व विधायक अशरफ के हत्याकाण्ड की जांच सुप्रीम कोर्ट अपनी निगरानी में कराये।

    रिपोर्ट- इब्ने हसन ज़ैदी 

    कानपुर। आदर्श लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष एवं कानपुर महानगर से पूर्व मेयर प्रत्याशी शाकिर अली उस्मानी ने कहा कि प्रयागराज में पूर्व सांसद अतीक अहमद व पूर्व विधायक अशरफ की पुलिस की मौजूदगी में हत्या होने की घटना से उ०प्र० के मुस्लिम समाज व धर्मनिरपेक्षता / लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों में चिन्ता बढ़ती है । उoप्रo में कानून का राज बताकर फर्जी इनकाउन्टर जो किये जा रहे है, उस पर अंकुश लगना चाहिए । भारतीय संविधान में किसी को भी किसी की हत्या करने का अधिकार नहीं है। लोकतंत्र के स्थान पर धर्मतंत्र का राज व पुलिस मंत्र का राज चल रहा है । पूर्व सांसद अतीक अहमद गुजरात से उ०प्र० लाने के लिए जब पुलिस ने प्रयास किया तब अतीक अहमद ने गुजरात में कहा था कि उ०प्र० की सरकार मेरी हत्या करा सकती है जो सच साबित हुआ। इससे अब स्पष्ट हो गया है कि जब कोई मजिस्ट्रेट किसी भी अपराधी को पुलिस रिमाण्ड पर दे तो उससे लिखित में एक एफीडेविट ले ले कि इसकी यदि हत्या होती है तो उसकी जिम्मेदारी मेरी होगी । वर्ष 2017 से लेकर अब तक 183 इनकाउन्टर हुये हैं उन सबकी जांच सुप्रीम कोर्ट अपनी निगरानी में कराये जिससे सच्चाई का पता चल सके।

    उस्मानी  ने आगे कहा कि पुलिस रिमाण्ड पर देने वाले अधिकारी को चाहिये कि जिन पुलिस के अधिकारियों नें अतीक अहमद व अशरफ का रिमाण्ड लिया था उन पर 302 का मुकदमा कायम करके जेल भेजा जाय एवं उनको नौकरी से बर्खास्त भी किया। जाय । यह सच है कि अतीक अहमद व अशरफ जन प्रतिनिधि के साथ-साथ पुलिस में अपराधी की श्रेणी में उनको रखा था ।

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