कानपुर। पुलिस की उपस्थिति में हत्या और मीडिया पर लाइव टेलीकास्ट अत्यन्त निन्दनीय : मौलाना अब्दुल्ला क़ासमी
रिपोर्ट- इब्ने हसन ज़ैदी
- किसी भी हत्या की फूटेज बार-बार टी.वी. पर प्रसारित होना मीडिया का नैतिक पतन और हमारी उदासीनता का प्रतीक
कानपुर। जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने पूर्व सांसद अतीक़ अहमद और पूर्व विधायक खालिद अज़ीम उर्फ अशरफ की हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए इस अत्यन्त निन्दनीय बताया। मौलाना ने कहा कि सख्त सुरक्षा घेरे में होने वाली यह हत्या प्रदेश सरकार, प्रशासन और पुलिस विभाग की बड़ी नाकामी और उनके दामन पर बदनुमा दाग़ है। साथ ही इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा किसी हत्या की फूटेज को बार-बार प्रसारित करना निम्न स्तर तक नैतिकता के पतन और उदासीनता का सूचक है।
मौलाना अब्दुल्लाह ने कहा कि जिस तरह से पूरा घटनाक्रम सामने आया उससे अवाम के अन्दर असुरक्षा की भावना में वृद्धि और उनका विश्वास शासन, प्रशासन और पुलिस के ऊपर से कमज़ोर हुआ है, जो कि एक भारतीय के रूप में समस्त देशवासियों के लिये चिंता का विषय होना चाहिए।
मौलाना ने कहा कि अगर कोई अपराधी है तब भी उसके जुर्म और सज़ा का निर्णय अदालत करेगी, क़ानून को हाथ मे लेना चाहे वह पुलिस द्वारा हो या जनता द्वारा लोकतंत्र और संविधान का अपमान और स्वयं में एक अपराध है। उन्होंने कहा कि अगर इस देश में कानून की रक्षा नहीं होगी, तो हर तरफ अराजकता फैल जायेगी और खून-खराबे का राज क़ायम हो जायेगा। अगर ऐसा हुआ तो यह देश के सभी वर्गां के लिये समान रूप से हानिकारक होगा।
उन्होंने इलेक्ट्रानिक मीडिया पर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा कि शुरूआत से ही इस मामले में मीडिया की भूमिका शर्मनाक रही है, अब समय आ गया है कि न्यायालय स्वतः संज्ञान लेकर मीडिया की गलत हरकतों पर लगाम लगाए, अन्यथा मीडिया देश को अराजकता की तरफ ले जाने में अपनी अफसोसनाक भूमिका अदा कर रही है।
उन्होंने बताया कि जमीयत उलेमा हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने इस घटना के बाद लोगों में उत्पन्न बेचैनी और अविश्वास के माहौल में देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का ध्यानाकर्षित किया है कि वह इसके समाधान के लिये हर सम्भव कदम उठाएं। मौलाना ने लोगों से भी अपील की कि वह शांति बनाये रखें और किसी भी स्थिति में अराजकता का हिस्सा ना बनें।