बाजपुर। राज्य में बिजली कटौती से जनता में मचा कोहराम:यशपाल आर्य
- राज्य में 10 मिलियन यूनिट विद्युत की हमेशा कमी रहती: यशपाल आर्य
- उत्तराखंड में 65 प्रतिशत बिजली उत्पादन होती है:यशपाल आर्य
- नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड में बिजली के दाम भी बढ़ गए हैं और कटौती भी-यशपाल आर्य
रिपोर्टर :आमिर हुसैन
बाजपुर। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लोगों को 24 घंटे बिजली और पानी देने का वायदा किया था।लेकिन आज ज़मीन पर सारे वादे हवा हवाई हो गए हैं।अघोषित बिजली कटौती का असर राज्य में उद्योग, ग्रामीण क्षेत्रों समेत छोटे शहरों पर पड़ रहा है। प्रतिदिन सात से आठ घंटे तक बिजली कटौती हो रही है।बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं से लेकर डोमेस्टिक श्रेणी ,कमर्शियल श्रेणी ,इंडस्ट्रीज श्रेणी में प्रति यूनिट बढ़ोतरी की गई है।
उन्होंने कहा बिजली न रहने से वेल्डिग,आरा मशीन,फर्नीचर आदि के व्यवसाय पर भी असर पड़ रहा है। हर दिन हजारों रुपये का डीजल खर्चकर दुकानदार अपने व्यवसाय को जिंदा रख रहे हैं|लोग दिन में तो किसी तरह काम निपटा ले रहे हैं।राज्य को सामान्य दिनों में लगभग 55 मिलियन यूनिट विद्युत की जरुरत होती है। वर्तमान में कुल जरुरतों की 65 प्रतिशत बिजली ही उत्तराखंड स्वयं के उत्पादन से और केन्दीय कोटा से सुनिश्चितत करता है लेकिन जरूरत के 35 प्रतिशत याने लगभग 10 मिलियन यूनिट विद्युत की हमेशा कमी रहती है।सरकार पिछले कुछ सालों में समय पर 99 मेगावाट की सिंगोली - भटवाड़ी परियोजना का पी0पी0ए0 और उधमसिंह नगर के 450 मेगावाट और 250 मेगावाट के दो गैस आधारित संयंत्रों से उचित बिजली खरीद समझौते नही किये वरना आज राज्य को न तो बिजली की कटौती का सामना करना पड़ता और न ही महंगी बिजली खरीदनी पड़ती।इस अघोषित बिजली की कटौती से राज्य की जनता को उबारने हेतु कांग्रेस माँग करती है कि उत्तराखंड को केंद्र सरकार सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराये और सेंटर पूल से मिलने वाले बिजली कोटे में बढ़ोंतरी करे और जल्द अघोषित बिजली कटौती से ,24 घण्टे लो वोल्टिज और बार बार ट्रिपिंग की समस्या से जनता को राहत प्रदान करे।