अयोध्या। नगर निगम में लगभग 3,32,464 मतदाता हैं जिसमें 50% ग्रामीण, 50% शहरी।
- अयोध्या जनपद में एक नगर निगम, एक नगर पालिका व 6 नगर पंचायत, कुल 169 वार्ड, 169 मतदान केंद्र, 467 मतदान स्थल है।
- अयोध्या नगर निगम में 60 वार्ड हैं। नगर निगम में ईवीएम व नगर पालिका नगर पंचायतों में मतपत्रों से मतदान होंगा।
देव बक्श वर्मा\अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की धर्म नगरी अयोध्या मे होने वाले निकाय चुनाव पर देश विदेश सबकी नजरे होगी। एक तरफ राम मन्दिर, अयोध्या का विकास है तो दूसरी तरफ विपक्षी दल की जुगत,सत्ता के प्रति जनता का क्रोध वही पर मार्गो के विकास तोडफोड, ग्रामीण क्षेत्र की जनता के समस्या, कितना असर होगा। एक तरफ जहां राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। सरकार अयोध्या विश्व को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित कर रही है। केन्द्र व प्रदेश सरकार का पूरा फोकस इस समय अयोध्या पर है। अयोध्या नगर निगम चुनाव आधा शहर आधा ग्रामीण क्षेत्र से मिलकर बना है । ग्रामीण क्षेत्र की जनता क्या सोच रही है हार जीत का बड़ा हिस्सा बनेगा । नगर निकाय चुनाव का ऐलान होते ही सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। इस बार कौन मेयर होगा जनता किसे ताज पहनायेगी इसे लेकर कई सवाल हैं। इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ जनता के पास है। नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में अयोध्या में मतदान होना है। मतदान की तारीख 11 मई तय की गई है।
प्रत्याशी जनता से वोट मांग रहे है। किसको अयोध्या की जनता मेयर पद देगी यह तो वक्त ही बताएगा।, अयोध्या में निकाय चुनाव के लिए 17 अप्रैल से 24 अप्रैल तक नामांकन। नामांकन पत्रों की जांच वापसी इसके अलावा प्रतीक आवंटन का काम पूरा हो जाने के बाद तय तारीख 11 मई को वोटिंग कराई जाएगी।13 मई को हार जीत का फैसला होगा।
- इस बार ईवीएम व मतपेटियां
नगर निकाय चुनाव में द्वितीय चरण के मतदान के लिए अयोध्या में नामांकन हो रहा है राजकीय इंटर कॉलेज के स्ट्रांग रूम में ईवीएम व मतपेटियां रखी जाएंगी।
राजकीय इंटर कॉलेज में नगर निगम और गोसाईगंज में नगर पंचायत की मतगणना होंगी। अन्य नगर पंचायतों की संबंधित स्कूलों में मतगणना होंगी।
अयोध्या जनपद में एक नगर निगम, एक नगर पालिका व 6 नगर पंचायत, कुल 169 वार्ड, 169 मतदान केंद्र, 467 मतदान स्थल है जहां 499742 मतदाता मतदान करेंगे। जिसमें जनपद में 54 अति संवेदनशील मतदान केंद्र, 20 अतिसंवेदनशील प्लस मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। अयोध्या नगर निगम में 60 वार्ड हैं। नगर निगम में ईवीएम व नगर पालिका नगर पंचायतों में मतपत्रों से मतदान होंगी।
नगर निकाय चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी हुंकार भर रही है। जनता शान्ति का योगदान कर रही है। अयोध्या में इस बार जनता किसको मेयर का ताज पहनाएगी इसे लेकर सवाल कई हैं, इसका जवाब सिर्फ अयोध्या की जनता देगी। प्रत्याशी किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाएंगे और किसको अयोध्या की जनता मेयर बनाएगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन अयोध्या की जनता का मूड जब हमने जानने की कोशिश की तो आधी जनता तो बदलाव चाहती है और आधे ऐसे लोग हैं जो दोबारा से एक बार फिर मेयर बनाना चाहते हैं। अब सवाल यह है कि अयोध्या का मेयर कौन होगा इस सवाल का उत्तर देना जल्दबाजी होगी।, लेकिन यह अयोध्या की जनता तय करेगी कि मेयर कौन होगा।
- अयोध्या की जातीय समीकरण नगर निगम में लगभग 3,32,464 मतदाता हैं। जिसमें 50% ग्रामीण, 50% शहरी।
1,10,000 श्रवण हैं, 60,000 मुस्लिम, बैकवर्ड 70,000, एससी-एसटी 40,000 और 25,000 साधु संत हैं। अब सवाल यह है कि जातीय समीकरण के हिसाब से अयोध्या में किसकी जीत होगी और कौन बनेगा अयोध्या का मेयर? यह आने वाली तारीख में पता चलेगा, लेकिन अयोध्या का मेयर बनने के लिए जाति धर्म से ऊपर उठकर मतो की जरूरत है। आने वाले समय मे सवालो का जबाब अयोध्या की जनता देगी। बदलाव करेगी या एक बार फिर दोबारा मेयर की वापसी होगी। यह आने वाला वक्त तय करेगा कि अयोध्या की जनता का मूड क्या है। जनता चाहती है प्रत्याशी ऐसा होना चाहिए जो जनता की बातों को समझे और उनके हितो का ख्याल रखे।