देवबंद। जमीयत उलमा-ए-हिंद और अन्य धर्मों के नेताओं के 17 प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
शिबली इकबाल\देवबंद। जमीयत उलमा-ए-हिंद और अन्य धर्मों के नेताओं के 17 प्रतिनिधिमंडल ने मौलाना महमूद मदनी की अगुवाई में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।इस दौरान इस्लामोफोबिया, मॉबलिंचिंग,देश में हो रहे सांप्रदायिक दंगे,समान नागरिक संहिता,कर्नाटक में मुस्लिम रिजर्वेशन सहित 14 मुद्दों को लेकर बातचीत हुई। वर्तमान में देश चुनावी मोड में है और अगले एक साल में कई चुनाव होने हैं।इसलिए इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है और इसके कई मायने भी निकाले जा रहे हैं।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से यह मुलाकात मंगलवार की रात्रि 11 बजे उनके आवास पर हुई।मुलाकात के दौरान जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि देश के दूसरे सबसे बड़े बहुसंख्यक वर्ग को निराशा के अंधेरे में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है।नफरत एवं संप्रदायिकता की खुलेआम अभिव्यक्ति द्वारा देश के वातावरण को दूषित करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।इसके कारण आर्थिक और व्यावसायिक हानि होने के अलावा देश की अच्छी छवि भी धूमिल हो रही है।प्रतिनिधिमंडल ने सांप्रदायिक दंगों,नफरती अभियान,इस्लामोफोबिया, मॉब लिंचिंग,समान नागरिक संहिता,मदरसों की स्वायत्तता,कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण,कश्मीर की वर्तमान स्थिति,असम में जबरन बेदखली और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा जैसे मुद्दों को लिखित रुप में केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया।करीब एक घंटे से अधिक चली इस बैठक में धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी और उमर गौतम की जमानत का मुद्दा भी उठाया गया।जमीयत के सचिव नियाज अहमद फारुकी ने बताया कि गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रस्तुत की गई मांगों को ध्यान से पढ़ा और देश की सांप्रदायिक स्थिति पर कहा कि इस बार रामनवमी त्योहार के अवसर पर जो धार्मिक तनाव और हिंसा हुई है,उससे हम भी चिंतित हैं।जिन राज्यों में हमारी सरकारें नहीं हैं,वहां हमने राज्यपाल या मुख्यमंत्री के जरिए इसे नियंत्रित करने की कोशिश की है और जहां हमारी सरकारें हैं,वहां जो भी घटनाएं हुई हैं,जांच के बाद दोषियों विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने बताया कि गृहमंत्री ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं के संबंध में कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं देश के किसी भी हिस्से में हुई हों,हमें यह देखने की जरुरत है कि हत्या की स्थिति में क्या धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज हुआ है या नहीं।अगर नहीं हुआ है तो आप हमें लिख कर भेजें।हम इसे तत्काल सुनिश्चित करेंगे। नियाज अहमद फारुकी ने बताया कि इस संबंध में जमीयत जल्द ही ऐसी घटनाओं की सूची बनाकर गृहमंत्री को भेजेगी।
- ग्रहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधि मंडल में ये रहे मौलाना
देवबंद। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में मौलाना महमूद मदनी के अलावा मरकजी जमीयत अहले हदीस हिंद के मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सलफी,नासेह एजुकेशनल ट्रस्ट बंगलौर के अध्यक्ष मौलाना शब्बीर नदवी,ऑल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारुकी,खुसरो फाउंडेशन दिल्ली के अध्यक्ष प्रोफेसर अख्तरुल वासे,एमसीई सोसायटी पुणे महाराष्ट्र के चेयरमैन पीए इमानदार, अंजुमन-ए-इस्लाम मुंबई के अध्यक्ष डॉ.जहीर काजी, जमीयत उलमा-ए-हिंद के उपाध्यक्ष मौलाना सलमान बिजनौरी,जमीयत के दीनी तालीमी बोर्ड के महासचिव मुफ्ती सलमान मंसूरपुरी, जमीयत उलमा महाराष्ट्र के अध्यक्ष मौलाना नदीम सिद्दीकी,जमीयत उलमा कर्नाटक के अध्यक्ष मुफ्ती इफ्तिकार अहमद,जमीयत के महासचिव मुफ्ती शमशुद्दीन,हरियाणा जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अली हसन मजाहिरी,महासचिव मौलाना याहया,केरला जमीयत के अध्यक्ष मौलाना इब्राहीम,तमिलनाडू के महासचिव हाजी हसन अहमद और कार्यकारिणी सदस्य मौलाना नियाज अहमद फारुकी शामिल रहे।