कानपुर। डॉ० भीमराव अम्बेडकर का 132वां जन्मोत्सव मैकरावर्टगंज (छोटी पार्क) व्यक्तित्व एवं जीवन पर प्रकाश डाला गया।
रिपोर्ट- इब्ने हसन ज़ैदी
कानपुर। अम्बेडकर जन्मोत्सव कार्यक्रम की अध्यक्षता एस०एन० चक (पूर्व पुलिस महानिदेशक). मुख्य अतिथि पूज्य भन्ते करूणा करण , नई दिल्ली एवं मुख्य वक्ता लोटनराम निषाद जी (राष्ट्रीय महासचिव- राष्ट्रीय निषाद संघ) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ० बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर एक ऐसे मसीहा हुए जिन्होंने जीवन पर्यन्त गरीब, शोषित, पीड़ित, मजलूमों व नारियों के उत्थान के लिए आजीवन संघर्ष किया और भारतीय संविधान की रचना कर सबको बराबरी का अवसर प्रदान किया।
आजादी से पूर्व इस भारत वर्ष में अस्पृश्यता छूआ-छूत चरम सीमा पर थी दलितों, पिछड़ों व नारियों को पढ़ने लिखने का अधिकार नहीं था ऐसी कठिन परिस्थितियों में डॉ० बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी ने सबको सामनता का अवसर भारतीय संविधान के माध्यम से किया।अम्बेडकर जन्मोत्सव कार्यक्रम में कार्यक्रम संयोजक भारतीय दलित पैंथर के प्रान्तीय अध्यक्ष पैंथर धनीराव बौद्ध ने कहा कि दलितों, पिछड़ों व अल्पजनों को एकजुट होने का आवाहन करते हुए कहा कि हमें एकता की डोरी में बांधने की नितान्त आवश्यकता है ।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शिव मोहन, राजेन्द्र कुमार, डॉ० राकेश चन्द्रा, सन्तोष कुमार पैंथर, शफीक सिद्दीकी, कल्लू अम्बेडकर, मो० अंसार, राकेश राव, राहुल गौतम, विजय सागर, पंकज जायसवाल, संतोष प्रेस,वार्ड 17 पार्षद प्रत्याशी नरामऊ आरती राव पति राकेश राव राजेन्द्र कुरील, नरेश कुमार, सेन, विजय कुमार सागर, मोनू, आर०टी०ओ०, जैक्शन, अंकित, दीपू कुशवाहा, राम चन्द्र निषाद, जीतू कैथाल, अशोक कुमार, आकाश सिंह बादल, निर्मल कुमार, , रोहन यादव, लालू, सोनू टी-स्टाल, बाबू राम पहलवान, लालता प्रसाद, भारत प्रसाद, सुशील गौतम, दीपक राज, अजय वर्मा, राजा भाईया, विपीन कुमार, उर्मिला राजपूत, सीमाजीत, जमुना विश्वकर्मा, विद्या पासी, गुरू प्रसाद सोनकर, गेंदा प्रसाद गोंड ने अपने विचार व्यक्त किये।