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    सीतापुर। राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस (11 अप्रैल) पर विशेष।

    •  शासकीय योजनाओं के लाभ से अपने मातृत्व को बनाएं सुरक्षित

    सीतापुर। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने को लेकर सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। जिनका लाभ लेकर गर्भवती अपने प्रसव हो आसान और सुरक्षित बना सकती है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना और 102 एम्बुलेंस सेवा इसी कड़ी का हिस्सा हैं। गर्भवती की उचित देखभाल और संस्थागत प्रसव के बारे में जागरूकता के लिए ही हर साल 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है। गर्भवती को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए 102 नंबर की एम्बुलेंस सेवा है। 

    • प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान 

    हर माह की नौ तारीख को जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर विशेषज्ञ चिकित्सकों, रेडियोलॉजिस्ट द्वारा गर्भवती का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार ऑयरन, फोलिस एसिड और कैल्शियम की गोलियां उपलब्ध कराई जाती हैं। जटिल गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को चिन्हित कर प्रसव पूर्व उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखा जाता है। बीते वित्तीय वर्ष में जिले में कुल 19,090 जटिल गर्भावस्था वाली महिलाएं चिन्हित हुई हैं। जिन्हें समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। 

    • जननी सुरक्षा योजना 

    संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और प्रसव के तुरंत बाद जच्चा को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों अथवा स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव कराने पर ग्रामीण महिलाओं को 1400 रुपए और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपए दिए जाते हैं। यह भुगतान संबंधित महिला के बैंक खाते में सीधे किया जाता है। बीते वित्तीय वर्ष में जिले में कुल 79,350 संस्थागत प्रसव हुए हैं। इन सभी को वित्तीय सहायता भी उपलबध करा दी गई है। 

    • पीएम मातृ वंदना योजना 

    प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जनवरी 2017 में शुरू की गयी थी। योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसका उद्देश्य मां और बच्चे के लिए पोषण के साथ-साथ मजदूरी के नुकसान के लिए आंशिक मुआवजे के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना है। योजना के तहत मिलने वाली धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। इस योजना में पहले लाभार्थी को तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिये जाते हैं। प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये, दूसरी किस्त के रूप में (गर्भावस्था के छह माह बाद) 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। सरकार की ओर से मिले लक्ष्य 1,53,822 के सापेक्ष अब तक 1,50,467 फार्म पंजीकृत किये जा चुके हैं। अब तक 62,74,80,000 रुपये का भुगतान लाभार्थियों को किया जा चुका है। 

    • क्या कहती हैं विशेषज्ञ 

    सीएमओ डॉ. मधु गैरोला का कहना है कि शासकीय योजनाओं के तहत गर्भावस्था के तीसरे-चौथे महीने में प्रशिक्षित चिकित्सक से जांच अवश्य करानी चाहिए। गर्भवती को खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए। सुरक्षित प्रसव के लिए पहले से ही निकटतम अस्पताल चुन लें। मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, जरूरी कपड़े और एम्बुलेंस का नम्बर याद कर लेना चाहिए।

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