गोण्डा। श्रीराम नवमी पर अटल चबूतरा, मानस वाटिका का लोकार्पण।
- तुलसी जन्मभूमि, गोण्डा व चेतना भूमि सिसई रानीपुर पर हुईं क्रियात्मक संगोष्ठी
- सिसई रानीपुर में राष्ट्रीय अधिवेशन की शताब्दी मनी, दो पुस्तकों का विमोचन, 100 फीट तिरंगा झंडा फहराया गया।
गोण्डा। स्वतंत्रता आंदोलन के सन 1922 राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर मनकापुर तहसील के सिसई रानीपुर के 100 साल पूरे होने पर सौ साल कार्यक्रम के तहत गांव में अटल चबूतरा, मानस वाटिका का लोकार्पण किया गया । गुरुवार को कस्बे के आचार्य नरेंद्रदेव महाविद्यालय में तुलसी जन्मभूमि व उसके निर्णय का उपागम विषयक गोष्ठी के मुख्य अतिथि व वक्ता प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित सभापति हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग व अध्यक्ष हिन्दी विभाग एवं पत्रकारिता जनसंचार विभाग ने यहां पर कहा कि मानस की चौपाई ढोल, गंवार ,शूद्र...का भ्रमित भावार्थ निकाला जा रहा है।। वहीं गांव का इतिहास लेखन स्थिति व स्वरूप पर तुलसी जन्मभूमि, राजापुर, गोण्डा व चेतना भूमि सिसई रानीपुर विषय पर क्रियात्मक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि व वक्ता डॉ सूर्यपाल सिंह ने कहा कि लोकतंत्र व समाज को बचाने के लिए अपने इतिहास को तलाशना जरूरी है। त्रिनिदाद व अन्य देशों के लोग कई पीढ़ियों के बाद अपने पूर्वजों की तलाश में यहां आते हैं।
संगोष्ठी का संचालन लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के प्रोफेसर जयशंकर तिवारी ने किया। मंचासीन नरेंद्र देव महाविद्यालय के प्राचार्य डा धर्मेन्द्र कुमार शुक्ल, अवनीन्द्र नाथ मिश्र विनोद व डा शैलेन्द्र नाथ मिश्र भी रहे। मुख्य अतिथि ने कहा कि तुलसी जन्मस्थली को लेकर गोण्डा के अलावा किसी के पास सही तथ्य नहीं है। तुलसी दास ने कही पर मै शब्द का प्रयोग नहीं किया है।यह सिर्फ अवधी भाषा में नहीं होता है। दोपहर में सिसई रानीपुर में अतिथि प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित का। लोगो ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। इसके पश्चात मानस वाटिका और अटल चबूतरा का लोकार्पण किया गया। मानस वाटिका में श्री राम चरित मानस में उदघृत 184 वृक्षों के स्वरूप पौधों का रोपण किये जानें की संकल्पना है। वहीं अटल चबूतरा पर 38 राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हो कों लगाया जाना है। संविधान की प्रतियां बांटीं गई। पूरे जिले में प्रचार प्रसार के लिए सुरेन्द्र मिश्र सूर्य व विनयानंद मिश्र को जिम्मेदारी सौंपी गई।
पद्मश्री विजेता अतिथि प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित ने दो पुस्तकों, सिसई रानीपुर इतिहास की एक झलक और हिन्दी एकीकृत कोश का लोकार्पण किया गया अत में कार्यक्रम स्थल पर सौ मीटर लंबा झंडा फहराया गया। पुस्तक के संपादक एसएन शर्मा व दूसरी पुस्तक के संकलन कर्ता जीतेश पांडे को आशीर्वाद दिया।कार्यक्रम में एलबीएस के प्रभारी प्राचार्य डॉ माता प्रसाद तिवारी, डॉ जितेन्द्र सिंह, डॉ मंशा राम वर्मा, डॉ मिथिलेश मिश्र, पुष्यमित्र, आदि रहे।