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    देवबंद। मदरसा जामिया इमाम मोहम्मद अनवर शाह में वार्षिक दस्तारबंदी और खत्म बुखारी शरीफ का आयोजन।

    • कुरआन हिफ्ज करने वालों पर होती हैं खास रहमतें नाजिलः खिजर
    • सामूहिक दुआ में शामिल हुए हजारों लोग

    शिबली इकबाल\देवबंद। मदरसा जामिया इमाम मोहम्मद अनवर शाह के मोहतमिम मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने कहा कि जो लोग कुरआन-ए-करीम को अपने सीनों में महफूज करते हैं, अल्लाह की उन पर खास रहमतें नाजिल होती हैं।ईदगाह रोड स्थित मदरसे में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने कहा कि कुरआन-ए- करीम अल्लाह का कलाम है और इसकी हिफाजत के लिए अल्लाह ने अपने बंदों के सीनों को चुना है।यही वजह है कि तमाम आसमानी किताबों में कुरआन करीम आज भी लफ्ज-बा-लफ्ज महफूज है। उन्होंने शिक्षा पूर्ण करने वाले छात्रों से कहा कि यहां से निकलने के बाद अब तजुर्बों का दौर शुरु होगा।जिसको उन्हें बहुत संजीदगी से लेना है।

     कुरान हिफ्ज करने वाले छात्रों की दस्तारबंदी करते मौलाना

    मौलाना अहमद खिजर ने छात्रों को बुखारी शरीफ का अंतिम पाठ पढ़ाया।कार्यक्रम में सैकड़ों छात्रों की दस्तारबंदी की गई।इस दौरान उपशिक्षा प्रभारी मौलाना फुजैल नासरी ने 13 निकाह भी पढ़ाए।अंत में मौलाना अहमद खिजर ने मुल्क में अमनो अमान और भाईचारे के लिए सामूहिक दुआ कराई।जिसमें दूर दराज से आए हजारों लोगों ने शिरकत की।इसमें मुफ्ती वसी अहमद कासमी, रिजवान सलमानी,मौलाना उसमान गनी,मौलाना तलहा आजमी,मुफ्ती निसार,नजम उस्मानी,सलीम उस्मानी, सुलेमान फारुकी,सैयद हमदान शाह,मौलाना साकिब,अंसार मसूदी, आरिफ अंसारी,मुफ्ती नवेद आदि मौजूद रहे।

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