कानपुर। भारतीय बाल रोग अकादमी द्वारा विश्व मोटापा दिवस को जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया।
रिपोर्ट- इब्ने हसन ज़ैदी
कानपुर। भारतीय बाल रोग अकादमी द्वारा विश्व मोटापा दिवस को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का संचालन अध्यक्ष डॉ० विवेक सक्सेना, सचिव डॉ० अरूण कुमार आर्या, डॉ० शिवेन्द्र वर्मा व डॉ० देवेन्द्र अवस्थी ने किया।डॉ० विवेक सक्सेना ने बताया कि आजकल की जीवनशैली देखते हुए पूरी दुनिया के मोटापा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। मोटापा सिर्फ विकसित देशों में ही नहीं बल्कि कम आय वाले देशों के नागरिक, बच्चे व बड़े मोटापे का शिकार होते नजर आ रहे है। विश्व मोटापा दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मानने का बस एक ही उद्देश्य है कि लोगों में मोटापे के प्रति जागरूकता पैदा करना और साथ ही स्वास्थ के प्रति लोगों को सजेत करना। इसी दिन की शुरूआत वर्ष 2015 में विश्व ओबेसिटी दिवस फेडरेशन ने की थी।सचिव डॉ० अरूण कुमार आर्या ने बताया कि जो लोग मोटापे से ग्रस्त होते है उनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक होने का खतरा सबसे अधिक होता है।
पूरी दुनिया में मोटापे के कारण इन्हीं दो समस्याओं के कारण लोगों की मौत होती है। मोटापे से ग्रस्त लोगों में डायबिटीज होने की सम्भावना काफी हद तक बढ़ जाती मोटापा और डायबिटीज के कारण किडनी फेलियर जैसी समस्या हो सकती है।डॉ० शिवेन्द्र वर्मा ने बताया कि बच्चों में मोटापा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है उन्होंने कहा कि समय रहते उसका नियंत्रण नही किया जाये तो उसमें डायबिटीज फैटी लीवर एवं कोलेस्ट्रॉल के रोग बहुत कम समय पर आ जाते है इन समस्याओं को पकड़ना अत्यधिक आवश्यक है। डॉ० देवेन्द्र अवस्थी ने इस वर्ष की थीम के बारे में विस्तार से बताया।कार्यक्रम में अनीत अग्रवाल, प्रधानाचार्य सजीव पाठक, उषा निगम, बृजेन्द्र सिंह व काफी संख्या में बच्चे उपस्थित थे। कार्यक्रम में उपस्थिति बच्चे के मोटापे की जाँच की प्रधानाचार्य ने भारतीय बाल रोग अकादमी के इस प्रयास की सराहना की।