Header Ads

  • INA BREAKING NEWS

    मिश्रिख/सीतापुर। सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भारतीय संस्कृति को मिलता है बढ़ावा-मंयकेश्वर शरण सिंह

    • प्रभारी मंत्री ने काफी टेबल बुक का किया विमोचन

    मिश्रिख/सीतापुर। मिश्रित-नैमिषारण्य होली मेला महोत्सव के सांध्य कार्यक्रम में दीप प्रज्वलित कर नैमिषारण्य 84 कोसीय होली  महोत्सव का शुभारंभ प्रभारी मंत्री राज्यमंत्री संसदीय कार्य चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य , परिवार कल्याण मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग मयंकेश्वर शरण सिंह ने किया। मेले में प्रभारी मंत्री जिलाधिकारी अनुज सिंह व पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चन्द्रभान ने स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया। सभी अतिथियों ने नैमिषारण्य पुस्तक का विमोचन किया। मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के आयोजन भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। 

    बुक विमोचन के दौरान मौजूद प्रभारी मंत्री, विधायक, डीएम व अन्य। 

    मिश्रिख मेला महोत्सव पहुंचने से पहले मन्त्री तीर्थ नैमिषारण्य पहुंचे। नैमिष सीएचसी में डाक्टरों की तैनाती को लेकर मन्त्री ने कहा कि आप लोगों के माध्यम से हमें यह जानकारी मिली है कि नैमिष सीएचसी में डाक्टरों की कमी है। जल्द ही डाक्टरों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि पूरे प्रदेश में ऐसे  सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं जिससे हमारे अध्यात्म को और भारतीय  संस्कृति को बढ़ावा मिले। विमोचन कार्यक्रम में डीएम अनुज सिंह एडीएम राम भरत तिवारी विधायक रामकृष्ण भार्गव व अन्य सम्मान गणों द्वारा पुस्तक का विमोचन किया गया। इस पुस्तक के जरिए नैमिषारण्य विकास परिषद में समस्त धार्मिक स्थलों का वर्णन किया गया है।

    • मैथली के होली खेले मसाने में गूंजी तालियां

    मिश्रित/सीतापुर। महर्षि दधीचि तपोस्थली मिश्रित में सोमवार को होली पर का मेला महोत्सव में आयोजित संस्कृत कार्यक्रम में युवा लोकगीत गायक का मैथिली ठाकुर द्वारा सुंदर गायन प्रस्तुत किया गया। गायन में सर्वप्रथम माता सरस्वती वह गणेश वंदना के साथ प्रारंभ किया जिसके बाद हाल ही में गाया गया उनका गीत होली खेले दिगंबर मसाने में.. लोग सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए। वृंदावन जाने को जी चाहता है।. 

    भजन प्रस्तुत करतीं मैथली ठाकुर

    नगरी हो अयोध्या सी सजा दो घर को गुलशन सा अवध में राम आए है बता द बबुआ लोगवा देत काहे गारी जैसे गीतों पर पंडाल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज थी। मैथिली ने श्री लोकगीतों से ऐसा समा बांधा कि रात का आधा पहर कब बीत गया लोगों को पता ही नहीं चला हर कोई उनके भजनों पर झूमते रहा मैथिली करीब 8.30 बजे अपनी टीम के साथ मंच पर पहुंची थी करीब 2 घंटे मे उनके भजनों द्वारा लोग मंत्रमुग्ध हो उठे।

    Post Top Ad


    Post Bottom Ad


    Blogger द्वारा संचालित.