देवबंद। नए प्रवेशों पर लगी रोक हटी, उस्तादों की नियुक्ति पर लगी मुहर, दारुल उलूम में मजलिस-ए-शूरा की दो दिवसीय बैठक का समापन।
शिबली इकबाल\देवबंद। इस्लामी तालीम के सबसे बड़े मरकज दारुल उलूम में चल रही दो दिवसीय मजलिस-ए-शूरा की बैठक का समापन हो गया।अंतिम चरण में शूरा सदस्यों ने प्रवेशों पर लगी रोक को हटा हटाते हुए नए उस्तादों की नियुक्ति सहित कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई।बृहस्पतिवार को दारुल उलूम के मेहमानखाने में आयोजित बैठक में विभिन्न विभागाध्यक्षों द्वारा पेश की गई रिपोर्टों पर शूरा सदस्यों ने सहमति जताई।
कोरोनाकाल में नए प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी को समाप्त करते हुए पूर्व की तरह नए दाखिलों लेने तथा नए उस्तादों की नियुक्ति किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने, संस्था में जारी निर्माण कार्यों को ध्यान में रखते हुए संस्था के वार्षिक बजट में जरुरत के मुताबिक वृद्धि करने का प्रस्ताव शूरा सदस्यों ने आपसी सहमति से पास किया।बैठक के अंत में हकीम कलीमुल्लाह दुनिया में अमनो अमान के लिए दुआ कराई। इसमें दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी,सदर मुदर्रिस मौलाना अरशद मदनी, जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी,सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल,मौलाना आकिल,मुफ्ती शफीक,मौलाना महमूद,अंजर हुसैन मियां साहब,मौलाना अब्दुल समद, मौलाना अनवार रहमान,मौलाना मलिक इब्राहीम मद्रासी,मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी, मौलाना हबीब बांदवी,मुफ्ती इस्माईल मालेगांव,मौलाना रहमतुल्लाह कश्मीरी आदि मौजूद रहे।