देश राग
देश राग
***
दुख का पारावार नहीं है
सुख भी सबका यार नहीं है
*
उसकी नहीं हैसियत कोई
जिस पर कोठी-कार नहीं है
*
दिल से चुनती है जनता पर
जनता की सरकार नहीं है
*
राष्ट्रभक्त है पूरा कुनबा
कोई जिम्मेदार नहीं है
*
अहंकार से टेढी गर्दन
झुकने को तैयार नहीं है
*
विश्व विजेता हैं हर कोई
लेकिन पहरेदार नहीं है
*
कौन बने,किसका अनुयाई
रंग-ढंग का किरदार नहीं है
*
मुश्किल है सच की तलाश अब
सच भी ढोल -गंवार नहीं है
*
@ राकेश अचल