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    मथुरा। INTERNATIONAL WOMEN'S INSPRATION AWARD 2023: के लिए गौरी मिश्रा का हुआ चयन।

    मथुरा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में समस्त विश्व से INTERNATIONAL WOMEN'S INSPRATION AWARD 2023  मथुरा मे आयोजित कार्यक्रम में गौरी मिश्रा को जोकि स्वच्छ भारत मिशन एमसीजी की  ब्रांड एंबेसडर और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित भारत की  सबसे कम उम्र की पियानो वादक है। इसलिए INTERNATIONAL WOMEN'S INSPRATION AWARD 2023 के लिए चयन हुआ है।

    लाइफलाइन फाउंडेशन की संस्थापक डा० रेणुका वाध्वा ने बताया की जो महिलाएं किसी भी क्षेत्र मे विशेष व उत्कृष्ट कार्य किया है उन महिलाओं को हमारी संस्था द्वारा सम्मान दिया जाता है। जिन महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय महिला प्रेरणा पुरस्कार 2023 चयन किया जाएगा, उन सभी महिलाओं को दिनांक-26 मार्च 2023 समय 1 से 5 बजे तक स्थान-मथुरा,उत्तर प्रदेश में सम्मानित किया जाएगा।

    कौन है गौरी मिश्रा  आइये जानते है। 

    गौरी मिश्रा भारत की सबसे कम उम्र की पियानो प्लेयर हैं। गौरी मिश्रा जिनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और कई वर्ल्ड  रिकॉर्ड्स में दर्ज है।  4 साल की उम्र से पियानो सीख रही हैं और उन्होंने 9 साल की उम्र में हजारों लोगों के सामने एकल प्रदर्शन देकर देश में सबसे कम उम्र की पियानो प्लेयर होने के विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं|  आपको बता दें की उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद शहर के राजीव गांधी नगर में रहने वाली और एमिटी इंटरनेशनल स्कूल  सेक्टर 46 गुडगाँव में  11 वीं की छात्रा गौरी  पियानो वादन की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल कर  जनपद का ही  बल्कि भारत का  नाम रोशन किया है। इसके अलाबा  गौरी  को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2020 में माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने दिया था

    पियानो पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ अपने नए प्रयोग के लिए माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी से भी पत्र हो चूका है । गौरी संगीत की चार शैलियों को पियानो बजाती हैं, यानी भारतीय शास्त्रीय, पश्चिमी, बॉलीवुड और फ्यूजन, जो दुर्लभ और अद्वितीय है|  पूरे भारत में गौरी ने कई ऑडिटोरियम में लाइव पियानो का प्रदर्शन कर दर्शको को मग्ध मुग्ध किया है। समय समय सामाजिक कारणों पर काम करना जैसे पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ भारत अभियान, कैंसर मुक्त भारत और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ  गौरी को बहुत अच्छा लगता है ये सराहनीय  और  यंग बच्चो के लिए प्रेणनादायक है। 

    गौरी हमारे देश के युवा लड़कों और लड़कियों को प्रेरित करना चाहती हैं। हमारे देश में, जहां कुछ हिस्सों में अभी भी एक लड़की के जन्म को अभिशाप माना जाता है, गौरी चाहती हैं कि सभी माता-पिता अपनी लड़कियों को गर्व से देखें। उसे लगता है कि भले ही कुछ माता-पिता उसकी बातों से बदल जाएं और अपनी बेटियों को समान अवसर दें तो  वह सफलता मानेगी।

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