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    कानपुर। पीडियाट्रिक न्यूरोडेवलपमेंट से जुड़ी बीमारियों के संबंध में संगोष्ठी का आयोजन।

    रिपोर्ट- इब्ने हसन ज़ैदी 

    कानपुर। भारतीय बाल रोग अकादमी की कानपुर शाखा के तत्वावधान में पीडियाट्रिक न्यूरोडेवलपमेंट से जुड़ी बीमारियों के संबंध में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम में वरिष्ठ पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट एवं जीनीयस लेन लंदन के संस्थापक डॉ राहुल भरत ने बताया कि ऑटिज्म न्यूरो विकास से संबंधित एक विकलांगता है जो बच्चे की सोशल कम्युनिकेशन एवं बिहेवियर स्किल्स को कई तरह से प्रभावित करता है ।बच्चों में प्रायः 2 से 3 वर्ष की उम्र में ही ऑटिज्म के संकेत मिलने प्रारंभ हो जाते हैं जैसे- बच्चा अपना नाम सुनकर भी प्रतिक्रिया नहीं देता ,आंखों में आंखें डाल कर बात नहीं करता ,अपनी चीजें दूसरों से शेयर नहीं करता ,अपने में ही खोया रहता है ,गुमसुम रहता है बातचीत में दिलचस्पी नहीं लेता इत्यादि।विश्व में 160 में से एक बच्चा ऑटिज्म से प्रभावित है। 

    इसका कोई इलाज नहीं है परंतु इसकी जल्दी पहचान एवं उपचार से स्थिति की गंभीरता को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है!डॉoटीoआर यादव ने बताया की न्यूरो विकास से संबंधित बीमारियों जैसे ऑटिज्म डिस्लेक्सिया इत्यादि के संबंध में डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ मैं भी जागरूकता की कमी है जिससे सभी मामले सही समय पर सामने नहीं आ पाते और प्रायः उचित उपचार नहीं मिल पाता है ।डॉ क्षितिज बंसल ने बताया कि बच्चों में मिर्गी रोग को लेकर कई भ्रांतियां हैं बच्चों में होने वाली हर असामान्य हरकत मिर्गी या झटका नहीं होती है । स्नेहा गांधी ने न्यूरो विकास से जुड़ी बीमारियों में फ़िज़ियोथेरेपी के महत्व प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन आईएपी सचिव डॉ अरुण कुमार आर्य ने किया।

    कार्यक्रम में आईएपी अध्यक्ष डॉक्टर विवेक सक्सेना ,डॉक्टर बी एन त्रिपाठी ,डॉ सुनील तनेजा ,डॉक्टर शैलेंद्र गौतम ,डॉ निखिल गुप्ता ,डॉ सुनील अग्रवाल एवं बड़ी संख्या में अन्य बाल रोग विशेषज्ञ एवं जूनियर डॉक्टर उपस्थित रहे।

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