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    श्रावस्ती। ईट राईट मिलेट्स मेला’’ का हुआ शुभारम्भ।

    Report:-सर्वजीत सिंह 

    • शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए मिलेट्स की है अहम भूमिका- जिलाधिकारी
    • जनपद में श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादन की है अपार संभावनाएं-मुख्य विकास अधिकारी
    श्रावस्ती। खान-पान संबंधी व्यवहार, मोटे अनाज का निजी जीवन में उपयोग किये जाने के उद्देश्य से खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा ’’ईट राईट मिलेट्स मेला’’ का आयोजन जनपद के जिला पंचायत भवन के पास मैदान में किया गया। जिसका अध्यक्ष जिला पंचायत दद्दन मिश्रा,विधायक रामफेरन पाण्डेय, सदस्य विधान परिषद डा0 प्रज्ञा त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष महेश मिश्रा ओम, जिलाधिकारी नेहा प्रकाश एवं मुख्य विकास अधिकारी अनुभव सिंह ने फीता काटकर एवं द्वीप प्रज्वलित कर किया। मेले में मिलेट्स अनाजों एवं विभिन्न विभागों द्वारा स्टाल भी लगाये गये है, जिसका अध्यक्ष, विधायक, सदस्य विधान परिषद, जिलाध्यक्ष, जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने अवलोकन भी किया। साथ ही मिलेट्स के फायदे बताने वाले जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। 

    इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत ने कहा कि ’सही भोजन-बेहतर जीवन’ के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा ’’ईट राइट मिलेट्स मेला’’ का आयोजन किया गया है। उन्होने कहा कि मिलेट्स (मोटे अनाज) या श्रीअन्न को देश एवं प्रदेश सरकार द्वारा विशेष प्रोत्साहन देने के लिए ’’ईट राइट मिलेट्स मेला’’ आयोजित किया गया है। जिससे सभी लोग मोटे अनाज का का सेवन करें और अपने शरीर को स्वस्थ्य बना सकें। 

    इस अवसर पर विधायक ने कहा कि देश एवं प्रदेश सरकार किसानों को उन्नतशील खेती के लिए लगातार प्रयासरत है। देश एवं प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत मिलेट्स का उत्पादन किये जाने हेतु किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। मिलेट्स के उत्पादन से हमारे शरीर को स्वस्थ्य भोजन प्राप्त होगा। उन्होने कहा कि पहले हम सभी लोग मिलेट्स का भोजन में अधिक प्रयोग करते थे। जिससे न केवल हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। अपितु हमें सस्ते खाद्यान्नों से ही सभी पोषक तत्व प्राप्त हो जाते थे और हम शारीरिक रूप से अधिक ऊर्जावान और सक्षम होते थे। हमें गेहूं और धान की उन्नतिशील प्रजातियां मिल जाने के बाद हमने धीरे-धीरे छोटे अनाजों को उगाना छोड़ दिया है। जिसे फिर से अपनाने की आवश्यकता है।

    इस अवसर पर सदस्य विधान परिषद ने कहा कि सरकार द्वारा पूरे देश में मिलेट्स के उत्पादन के लिए विशेष अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके माध्यम से सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित, स्वस्थ और टिकाऊ भोजन सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि यदि हम सही भोजन खाएंगे तो आहार संबंधी बीमारियों से बचे रहेंगे। ईट राइट के संदेश को व्यापकता देने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से जिला स्तर पर मेला-प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। जिससे लोग मिलेट्स के महत्व को जानकर उसे दैनिक जीवन में उपयोग में लाये और स्वस्थ्य रहें।

    इस अवसर पर जिलाध्यक्ष ने कहा कि हमारी पारंपरिक खेती का हिस्सा रहे मिलेट्स यानी मोटे अनाज पोषण की खूबियों के चलते सुपर फूड हैं। इसलिए केन्द्र सरकार द्वारा इसे श्रीअन्न नाम दिया गया है। देश एवं प्रदेश सरकार मिलेट्स की मांग व आपूर्ति दोनों को प्रोत्साहित करने में लगातार प्रयास कर रही है, ताकि लोग अच्छे अनाज का उत्पादन एवं सेवन कर सके।

    इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि स्वस्थ्य रहने के लिए जरूरी है कि हम सभी जो भोजन कर रहे है, उसमें पोषक तत्वों की मात्रा अधिक हो। क्योंकि जिस प्रकार का हमारा भोजन होता है, वैसे ही हमारे शरीर का विकास भी होता है। इसलिए जो भी हम खाना खाते है, उसमें न्यूट्रिशियन की मात्रा अधिक होनी चाहिए। इसलिए शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए मिलेट्स की अहम भूमिका है। लोगों को स्वस्थ्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है, जो खाद्य पदार्थो का परीक्षण कर हमें स्वस्थ्य भोजन उपलब्ध कराते है। इसी के तहत आज खाद्य विभाग द्वारा मिलेट्स के बारे में जागरूक करने के लिए इस मेले का आयोजन किया गया है। मा0 प्रधानमंत्री के आह्वान पर इस वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि मिलेट्स को हम मोटे अनाज के प्रचलित नाम से जानते हैं, जिनको अब उनकी पोषक महत्ता को देखते हुए श्री अन्न के नाम से पुकारे जाने की अपील देश के मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा की गई है। जिनमे कोदों, सावां, कुटकी, काकुन, रागी, ज्वार, बाजरा और रामदाना प्रमुख हैं। दक्षिण भारतीय राज्यों में इनकी खेती अभी भी व्यापक पैमाने पर की जा रही है, जिससे कृषक कम लागत में ही धान और गेहूं जैसी फसलों के बराबर मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इन अनाजों में कीड़े-मकोड़े आदि का प्रकोप बहुत कम होता है और इनको लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है, जिससे बाजार मूल्य में उतार चढ़ाव के असर से भी बचा जा सकता है। जनपद के ऐसे सभी क्षेत्र जो सिंचाई की सुविधा से वंचित हैं और समस्याग्रस्त हैं उनमें भी इनको आसानी से उगाया जा सकता है।

    इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अनुभव सिंह ने कहा कि जनपद में श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादन की अपार संभावनाएं है। किसान बन्धु मिलेट्स उत्पादन कर जनपद को कृषि क्षेत्र में नये आयाम प्राप्त कराने में अपनी अहम भूमिका निभा सकते है। उन्होने कहा कि जनपद में श्री अन्न की खेती के लिये एक विस्तृत प्लान तैयार कर चरणबद्ध ढंग से कृषकों की हैंड होल्डिंग करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इसके लिये ग्राम स्तर पर निरन्तर प्रशिक्षणों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे बड़ी संख्या में कृषक प्रेरित हो रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन जिला कृषि रक्षा अधिकारी विजय कुमार ने किया।

    इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) डी0पी0 सिंह, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि गिलौला प्रकाश चन्द्र, आशुतोष पाण्डेय, विनय कुमार तिवारी, व्यापार मण्डल के अध्यक्ष दीनानथ गुप्ता, उप निदेशक कृषि कमल कटियार, भूमि संरक्षण अधिकारी शिशिर वर्मा, सहायक आयुक्त खाद्य, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, जिला होम्योपैथिक अधिकारी हरिओम वाजपेयी, आयुर्वेद के चिकित्साधिकारी डा0 राम कृपाल, योग शिक्षक अरूण कुमार, विनय त्रिपाठी, सुनील तिवारी, विनोद साहू, पवन कुमार, राजेश यादव, रमेश गौतम जी, सुरेश पासवान, अजय पाल यादव, अंकित तिवारी सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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