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    सम्भल। शब-ए-बारात की रात लोगों ने खूब की इबादत।

    उवैस दानिश\सम्भल। शब-ए-बारात की रात को कब्रिस्तान पहुँचे लोगों ने अपने गुनाहों से तौबा कर मांगी, माफी गुनाहो से मगफिरत और इबादत की रात शब-ए-बारात पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरो से निकलकर मस्जिदों में खूब इबादत की ओर गुनाहों से तौबा की साथ ही कब्रिस्तान पहुंचकर पूर्वजों की कब्रों पर फातेहा पढ़ी।

    मंगलवार की देर रात जनपद सम्भल में शब-ए-बारात का पर्व शांतिपूर्वक ढंग से हुआ। रात में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तैयार होकर खुशबू लगाकर कपड़े पहनकर मस्जिदों की ओर इबादत करने ओर नमाज़े नफील अदा करने पहुंचे। बारगाहे खुदा में हाथ उठाकर गुनाहों से तौबा करते हुए अल्लाह को राज़ी किया साथ ही कब्रिस्तान पहुंचकर अज़ीज़ो व अकारिब की कब्रों पर फातेहा पढ़ते हुए दुआयें मगफिरत की। दरगाहों खानकाहों में चरागह करने के साथ ही इबादत का सिलसिला चलता रहा। कोई तस्बीह पढ़ता रहा तो कोई दुरूदो सलाम पढ़कर अपने अपने तरीके से इबादत में मशगूल नज़र आया। मोबत्तियां जलाकर रौशनी की गई तो साथ ही अगर अगरबत्ती जलाकर खुशबू की गई साथ ही कब्रों पर फूल पेश किए। जगह-जगह पुलिस सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए। पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तेद नज़र आया। मस्जिदे, कब्रिस्तान ओर दरगाहें व खानकाहें भरी नज़र आयी।

    फिरोज अली अशरफी ने बताया कि पूरे मुल्क को में शब ए बारात की मुबारकबाद देना चाहूंगा। शब ए बारात एक ऐसी रात है जिसमें हम लोग इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हुए मुल्क में अमन चैन के लिए दुआ करते हैं। आज की रात सारे नामाये आमाल लिखे जाते हैं। इस रात हम पूर्वजों की कब्र पर जाकर दुआ ए मगफिरत करते हैं।

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