बैतूल। खबर का असर, ई एल सी स्कूल परिसर में बन रहे कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के मामले को प्रमुखता से उठाया था, आज ईसाई समुदाय के लोग पूरे मध्यप्रदेश ,महाराष्ट्र,छत्तीसगढ़ से पहुँचे बैतूल।
रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया
बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल में कुछ दिनों पूर्व ही एक खबर हमने प्रमुखता से उठाई थी जिसमे शासकीय लीज पर संस्था को दी गई जमीन पर कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा था जिसमे ये बाते भी सामने आई थी कि मात्र100 रुपये के स्टाम्प पर लिखा पढ़ी करके निर्माण करवाया जा रहा है और तो और रजिस्ट्री करवाने की भी बातें सामने आ रही थी इसका सच जानने जब हमारी टीम ने मौके का निरीक्षण किया था और सच जानने का प्रयास किया तो सामने आया कि यह निर्माण कार्य संस्था द्वारा ही करवाया जा रहा था और इस कार्य मे दो लोगों अरुण गोठी और पुलकित मालवीय को प्रमोटर बनाया गया था मामले में अब ईसाई समाज के लोग भी आगे आये है और मामले में कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे है जैसा कि हमारी खबर का असर यहाँ देखने को मिला है।
जिससे समाज के लोग एक जुट हुए और आज महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पूरे मध्यप्रदेश एवम बैतूल जिले के ईसाई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में बैतूल पहुँचे जहाँ जिला कलेक्टर कार्यालय पहुँचकर ज्ञापन एडिशनल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और दोषियों पर सख्त कार्यवाही कर जमीन की सौदेबाजी और व्यवसायिककरण होने से रोकने की भी मांग की है समाज के लोगो का कहना है हमे यह भूमि सेवाकार्य जैसे स्कूल ,कॉलेज ,अस्पताल निर्माण कर समाज सेवा के लिए लीज़ पर दी गई थी पर संस्था के पदाधिकारी लाभ कमाने के दृष्टिकोण से इस जमीन का व्यवसायिक उपयोग करने लगे है और मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है जिस तरह से जांच अधिकारी मीडिया के सवालों का जवाब देने से बच रहे है इसमें कही न कही अधिकारी भी संस्था को संरक्षण दे रहे है ऐसे आरोप भी ईसाई समुदाय के लोगों ने लगाये है अब ईओडब्लू के मामले का संज्ञान लेने के बाद ही अनुमतियाँ निरस्त की गई पहले ही इनको परमिशन किसने दी कैसे परमिशन मिल गई यह भी जांच का विषय है अब देखना यह है कि इस मामले में हमारे जिले के कलेक्टर साहब द्वारा क्या कदम उठाये जाएंगे और इन फर्जी कागजात बनाकर भूमि का इस तरह से गलत उपयोग करने पर क्या मामला बनाया जाएगा
आपको बता दें कि पूरा मामला यह है कि छिंदवाड़ा की मिशनरी सोसायटी दी इवेंजीलिकल लूथरन चर्च इन मप्र सोसायटी (ईएलसी छिंदवाड़ा) को बैतूल में लीज पर मिली बेशकीमती जमीन ईएलसी के पदाधिकारियों ने 100 रुपए के स्टांप पर बिल्डर को बेच दी। इस जमीन की 2021 की गाइडलाइन के अनुसार 13 करोड़ रुपए कीमत आंकी गई थी, जो अब ओर बढ़ गई। ईएलसी के पदाधिकारियों ने यह जमीन अपने मालिकाना हक की बताकर बेची है, जबकि इसका मालिकाना हक मप्र शासन है। ईओडब्ल्यू ने इसकी शिकायत दर्ज कर जांच शुरु कर दी । ईओडब्ल्यू की अब तक की जांच में पता चला है कि 223515 वर्गफीट जमीन पर लगभग 340 करोड़ रुपए का तीन मंजिला कमर्शियल प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। खास बात यह भी है कि जमीन के सौदे के लिए किए गए एमओयू / एग्रीमेंट में ईएलसी और बिल्डर ने 50-50 प्रतिशत लाभांश का जिक्र किया है। मप्र शासन ने यह जमीन ईएलसी को स्कूल /शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन और मिशनरी के रहने के लिए 1965 में लीज पर दी थी। इसे न बेचा जा सकता है और न ही इस पर किसी तरह का व्यावसायिक निर्माण किया जा सकता है। न ही इस जमीन का गैर शैक्षणिक उपयोग किया जा सकता है। सोसायटी के धर्मगुरु सुरेंद्र कुमार सुक्का (एसके सुक्का) आर्चडीकन, ईएलसी और स्कूल के प्रिंसिपल मुकेश मोजेस (इंग्लिश स्कूल बैतूल) ने कागजों में हेरफेर बैतूल के जीएम बिल्डर के अरुण गोठी, पुलकित मालवी को ग्राम बैतूल के कोठी बाजार गांधीवार्ड में स्थित नजूल शीट क्रमांक - 12 के प्लॉट नंबर 7/1 की 223515 वर्गफीट जमीन बेच दी। शैक्षणिक गतिविधियों के लिए आरक्षित जमीन का परमार्थ रुप से शैक्षणिक ही उपयोग किया जा सकता है, लेकिन मिलीभगत करके जमीन का प्रयोजन भी बदल डाला। अब जमीन का कमर्शियल डायवर्शन करवाकर यहां मॉल / शापिंग कॉम्प्लेक्स का अर्थ वर्क पूरा कर लिया गया है।ईओडब्ल्यू की जांच के बाद से मौके पर काम रोक दिया गया।जांच के बाद बिल्डिंग परमिशन निरस्त | ईओडब्ल्यू ने छानबीन शुरू की तो बैतूल नगर पालिका परिषद ने बिल्डिंग परमिशन निरस्त कर दी। अब ईओडब्ल्यू जमीन के सौदे में लिए गए नकदी और सरकारी जमीन के क्रय-विक्रय में शामिल बिल्डर और ईएलसी के अधिकृत-अनाधिकृत पदाधिकारियों के खिलाफ जांच कर रहा है। सूत्रों के अनुसार कुछ ओर अभिलेखों की छानबीन के बाद ईओडब्ल्यू जल्दी की प्रकरण दर्ज कर सकता है।
जैक्शन कुमार ( छिंदवाड़ा)