गोण्डा। इन्फ्लूएंजा वायरस से निपटने के लिए चल रही तैयारी, खांसी व सांस के मरीज आए, इलाज कराकर चले गए।
- मरीज तो यहां एक भी नहीं, मोर्चे पर अस्पताल है तैयार
गोण्डा। जिले में इन्फ्लूएंजा रोग से पीड़ित अभी तक कोई मरीज नहीं मिला है। इसके बावजूद जिला अस्पताल प्रशासन इस रोग से लड़ने के लिए मोर्च पर तैयार होने के दावे कर रहा है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को जिला अस्पताल में आउटडोर मरीजों की संख्या रोजाना की अपेक्षा अधिक थी। लेकिन उनमें इस रोग से पीड़ित मरीज नहीं मिले। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. प्रभुदयाल गुप्ता का कहना है कि अस्पताल में खांसी व सांस के कुछ मरीज आए थे और इलाज कराकर चले गए।
जांच में सामान्य मिले हैं मरीज: अस्पताल प्रशासन का यह भी दावा है कि जो मरीज संास और सर्दी, जुकाम आदि से पीड़ित आए, जांच के दौरान वे सामान्य पाए गए। बताया जा रहा है कि मौसम में बदलाव के दिनों में खासकर बच्चों व बुजुर्गो में ऐसे रोग अमूमन हो जाते हैं। प्रमुख चिकित्साधीक्षक का कहना है कि इन्फ्लूएंजा रोग का असर अभी यहां नहीं दिखाई पड़ रहा है और न कोई रोगी आए हैं।
- मरीजों के इलाज के पर्याप्त संसाधन मौजूद
जिला अस्पताल में इन्फ्लूएंजा रोगों से लड़ने के लिए जिला अस्पताल में पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। कोई भी मरीज पूरे अस्पताल में भती नहीं है। यहां तक कि कोविड के बाद बढ़े इस रोग से खतरे के चलते यहां संसाधन पहले से तैयार कर लिये गए हैं। प्रमुख चिकित्साधीक्षक का कहना है कि कोविड के लिए बना पूरा अस्पताल खाली पड़ा है। यहां 20 बेड वाले आईसीयू और एनआईसीयू में मरीज नहीं होने से ताला लटक रहा है। आपात स्थितियों के लिए 25 आक्सीजन सिलेण्डरों के इंतजाम किए जा चुके हैं।
- इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए सावधानी बरतें
जिला अस्पताल के चिकित्सक डा. आरएस गुप्ता का कहना है कि इन्फ्लूएंजा (फ्लू) संक्रामक वायरल श्वसन रोग है, जिसमें रोगी को बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, उल्टी आदि हैं। इस रोग से पीड़ित रोगी बात करते समय खांसते व छींकते है तो वायरल संक्रमित व्यक्ति से सांस की बूंदों को अंदर लेने से फैलता है। इससे बचाव के लिए मास्क अवश्य पहनें। हाथ को साबुन से बार-बार धोएं। समस्या होने पर चिकित्सक से अवश्य सलाह लें।