पीलीभीत। उद्गम से समागम ओर वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने गोमती नदी की शुरू की पदयात्रा।
रिपोर्ट- कुँवर निर्भय सिंह
- केंद्रीय जलशक्ति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने किया रवाना, गोमती मन्दिर पर आरती में हुए शामिल
पीलीभीत। पंचतत्व फाउंडेशन की संस्थापक शिप्रा पाठक ने उदगम तीर्थ से मां गोमती की विलय स्थल तक की यात्रा का संकल्प लेते हुए यात्रा प्रारंभ कर दी। केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री पहलाद सिंह पटेल ने उद्गम स्थल पहुंचकर उन्हें मां गोमती की यात्रा पर रवाना किया। राज्यमंत्री ने गोमती उद्गम पहुंचकर गोमती नदी के बारे में जानकारी प्राप्त की और मां गोमती की आरती में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि नदी की अविरल धारा बहाने के लिए प्राकृतिक जलस्रोत खुलवाने हेतु प्रयास किये जायेंगे।
बदायूँ निवासी शिप्रा पाठक एक दिन पूर्व ही गोमती उद्गम तीर्थ पहुंच गई थी और उन्होंने यहां गोमती मंदिर के सामने गोमती जल से संकल्प करके कैथी धाम तक की पदयात्रा करने का निर्णय लिया था। श्री रामचरितमानस पाठ, पूजन व भंडारे के साथ देर रात तक जगराते का कार्यक्रम भी चलता रहा। भजन कीर्तन के समापन के बाद सुबह केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने उद्गम पहुंचकर दर्शन पूजन किया। उन्होंने गोमती मंदिर पर आयोजित गोमती माता की आरती में भाग लिया और इसके बाद उन्होंने गोमती परिपथ पर घूम कर जायजा लिया व परिक्रमा की। इसके बाद उन्होंने शिप्रा को पदयात्रा पर रवाना किया। इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह, बरखेड़ा के पूर्व विधायक किशनलाल राजपूत, पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान के सुपुत्र व भाजपा नेता ऋतुराज पासवान, पूर्व प्रधान योगेश्वर सिंह उर्फ राममूर्ति, गोमती सेवक कुँवर निर्भय सिंह, स्वाभिमान सिंह, रामौतार सिंह,ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष अशोक बाजपेई, भाजपा नेता शैलेश पाठक, धीरेंद्र मिश्रा, शैलेंद्र गुप्ता, महेंद्र मिश्रा, महेश मिश्रा, ओम बाबू शर्मा, अतुल सिंह, प्रधान नईम खां, प्रधान आंनद गिरि, रविन्द्र कुमार नंद, गोविंदा,आशीष दीक्षित, विजेंद्र सिंह, तहसील कलीनगर प्रभारी एसडीएम संदीप यादव, तहसीलदार कर्म सिंह,बीडीओ सर्वेश कुमार सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
उद्गम पहुंचने पर केंद्रीय राज्य मंत्री का भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री पटेल ने कहा कि अविरल धारा बहाने हेतु प्राकृतिक जलस्रोत जीवित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर संभव प्रयास करके अविरल धरा बहाई जाएगी।