नैमिषारण्य। पुनः नैमिष पहुँचा रामादल, तपोभूमि में परिक्रमार्थियों का हुआ भव्य स्वागत।
नैमिषारण्य। फाल्गुन प्रतिपदा से शुरू हुई चौरासी कोसीय परिक्रमा पुनः गयावर ग्राम से होते हुए नैमिषारण्य तीर्थ में प्रवेश हुई । परिक्रमार्थियों ने सीतापुर और हरदोई जनपद के विभिन्न ग्रामीण अंचलों और कस्बों से होते हुए भोर तीन बजे से जरिगंवा पड़ाव से नैमिषारण्य तीर्थ में डेरा डालने के लिए आगे बढ़े ।
परिक्रमा के मार्गों और पड़ावों की कठिनाइयों को पार कर नैमिष की सीमा में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं के मन मे आत्मसंतुष्टि का भाव स्पष्ट दिखा । नैमिष की सीमा में प्रवेश करने के बाद गयावर, अयोध्या, व्यासगद्दी, हनुमान गढ़ी, चक्रतीर्थ, ललिता देवी मंदिर, बालाजी मंदिर, कालीपीठ, ललिता आश्रम समेत विभिन्न देवस्थानों में दर्शन पूजन किया । सुबह आने वाले श्रद्धालुओं ने नैमिषारण्य में श्रद्धालुओं ने आकर अपने अपने नियत थानों पर डेरा डाला उसके बाद परिक्रमार्थियों ने पावन चक्रतीर्थ एवं गोमती के राजघाट तट पर स्नान दान किया । परिक्रमार्थियों ने फल्गु क्षेत्र में पितरों के निमित्त पिंड दान किया । एक बार फिर नैमिषारण्य बोल कड़ाकड़ सीताराम, श्री राम जय राम जय जय राम, हर हर महादेव शम्भू काशी विश्वनाथ गंगे जैसी स्वर लहरियों से गूंज उठा । परिक्रमा नैमिष से शुरू होकर कोरौना, हर्रैया, नगवाँ कोथावां, गिरधरपुर उमरारी, साक्षी गोपालपुर, देवगवां, मडुरवा, जरीगवां होते हुए नवें पड़ाव पर आ गयी ।
सुबह नैमिषारण्य तीर्थ पहुंचे परिक्रमार्थियों ने महाकालेश्वर, मनमथेश्वर, मधुकंद, गदाधर नाथ, फल्गु, प्राचीन अयोध्या मंदिर, मणिपर्वत दर्शन करते हुए नैमिषारण्य तीर्थ में प्रवेश करते हैं । परिक्रमार्थी पुण्यसलिला गोमती एवं चक्रतीर्थ में स्नान कर व्यासगद्दी, भूतनाथ, ललिता देवी मंदिर, सूत गद्दी, हनुमान गढ़ी, कालीपीठ, महामृत्युंजय मंदिर, महाकाली मनसा देवी मंदिर आदि पवित्र स्थलों का दर्शन-पूजन किया । पहला आश्रम में चौरासी कोसीय परिक्रमा समिति अध्यक्ष महंत नारायण दास उर्फ नन्हकू द्वारा परिक्रमार्थियों, आगंतुकों, ब्राह्मण बटुकों को भोजन दक्षिणा दी गयी । इस अवसर पर महंत रामचरण दास त्यागी, सरोज सिंह, आचार्य रामशब्द मिश्र आदि मौजूद रहे ।
"परिक्रमा वापसी पर मुस्लिम समाज ने किया स्वागत"
नैमिषारण्य-मिश्रिख की धार्मिक 84 कोसीय परिक्रमा कर रहे परिक्रमार्थीयो का स्वागत औरंगाबाद में पुष्प वर्षा के साथ मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा किया गया । पौराणिक परिक्रमा आठवें पड़ाव जरिगवा से नवें पड़ाव नैमिषारण्य पहुंच गयी।नैमिषारण्य पहुंचनेे के पहले ग्राम औरंगाबाद में हिमांशु राज पांडे के नेतृत्व में मुस्लिम समाज के द्वारा संतो महात्माओं एवं श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गयी व माल्यार्पण करते हुए फलो का वितरण भी किया गया । परिक्रमार्थियो के स्वागत में शादाब कुरेशी, हाजी मोहर्रम अली, गाजी हाजी ललन कुरेशी ,रेनू बेग, किफायत अली,अच्छे मियां, अमीक खान,अब्दुल सलाम, अब्दुल अकरम, सत्तार अंसारी सहित भारी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे ।