कानपुर देहात। करोड़ो के घोटालों में शासन स्तर से अधिकारियों,ग्राम प्रधानों समेत 205 लोगों पर बड़ी कार्रवाई, मचा हड़कंप।
कानपुर देहात। पंचायतीराज विभाग में अब तक कि सबसे बड़ी कार्यवाही, कानपुर देहात में पंचायतीराज विभाग में बगैर कार्य कराए संबंधित एजेंसियों व फर्मों को करोड़ों रुपये का भुगतान करने के फर्जीवाड़े में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग के एक उप निदेशक, दो जिला पंचायतराज अधिकारी, दो ग्राम पंचायत सचिव निलंबित कर दिए हैं जबकि तीन जिला कंसलटेंट- विशेषज्ञ व स्टेट कन्सलटेंट और जिला कंसल्टेंट की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
- 195 ग्राम सभाओं में बंदरबांट की हुई जांच
आपको बता दें कि भारत स्वच्छ मिशन फेज 2 एवं SLW के तहत भ्रष्टाचार में ग्राम पंचायत,जनपद ,मंडल और निदेशालय तक के अधिकारियों सहित 195 ग्राम पंचायत के प्रधानों ने कई करोड़ रुपयों का जिले में हुआ विकास कार्य में गलत ढंग से आहरित कर धन का आपस में बंदरबांट कर लिया गया। शासन स्तर से प्रधानों, कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश के साथ ही वसूली न होने तक 195 प्रधानों के खातों में अन्य धनराशि न भेजने के निर्देश दिये गए।
- 4 करोड़ रुपये की वसूली के निर्देश
मामले में उप निदेशक पंचायत कानपुर मंडल अभय शाही,बस्ती की डीपीआरओ (कानपुर देहात की तत्कालीन डीपीआरओ), वर्तमान डीपीआरओ अभिलाष बाबू को निलंबित करने के निर्देश अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने दिए हैं। डीडी पंचायत,जिला स्वच्छता समिति से जुड़े बड़े अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है। जब कि ग्राम सचिव पुनीत कुमार और राजीव द्विवेदी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए गए है। तत्कालीन पटल सहायक सुनील कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी।
- प्रधानों समेत 205 लोगों पर होगी कार्रवाई
जिले के 195 ग्राम प्रधानों समेत 205 लोगों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही के आदेश दिए है। इन ग्राम सभाओं में साथ ही विकास कार्यों की धनराशि जारी करने पर रोक लगा दी गई है। एसएलडब्ल्यूएम की धनराशि की रिकवरी करा कर राज्य के नोडल खाते में जमा करने के दिए निर्देश।
- वेंडरों/फर्मो से की जाएगी वसूली
डीडी पंचायत कानपुर मंडल अभय शाही समेत तत्कालीन और वर्तमान डीपीआरओ निलंबित, करोड़ो के घोटाले में सीडीओ कानपुर देहात और डीएम भी जिम्मेदार ठहराए गए। जिला स्वच्छता समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होते है डीएम और सीडीओ, करोड़ो के घोटाले में सीडीओ कानपुर देहात पर भी गिर सकती निलंबन की गाज।