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    अयोध्या। 10 पौराणिक कुंडो सहित 63 कुंडों का होगा जीर्णोधार।

    देव बक्श वर्मा\अयोध्या। अयोध्या धाम में  कुंडों के जीर्णोद्वार और सौंदर्यीकरण कार्य किया जा रहा है।  10 पौराणिक कुंडों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कार्य हो रहा है । कुल 63 कुंडों का सौंदर्यीकरण किया जाना है।अयोध्या मे हनुमान कुण्ड, स्वर्ण खनी कुण्ड, गणेश कुण्ड तथा सूर्य कुण्ड के जीर्णोद्वार कार्यों  किया जा रहा है । हनुमान कुण्ड पर लगी सभी स्ट्रीट लाइटों को ठीक व,आवश्यकता के अनुरूप नियत स्थानों पर घास लगवाने, वाटर एटीएम को ठीक कराने और संपूर्ण पार्क में फिनिशिंग कार्य को और बेहतर करने के लिए कार्य  किया जा रहा है । 

    कुण्डों के आसपास के निवासियों को भी कुण्डो की साफ-सफाई एवं देखरेख में अपना सहयोग करना चाहिए । जिससे कुण्डों की सुंदरता निरंतर अच्छी बनी रहे।  जिलाधिकारी ने सभी कुण्डों पर गुणवत्तापूर्ण कार्य करने तथा अच्छी फिनिशिंग करने के निर्देश दिया। अयोध्या की पौराणिक कथाओं से जुड़े पौराणिक कुण्डों का सर्वे करके राजस्व अभिलेखों से मिलान कर उनके रक्बे के अनुसार कुण्डों का उसकी पौराणिकता को ध्यान में रखते हुए सौंदर्यीकरण/जीर्णोद्धार की योजना बनाई गई है।  अयोध्या में दिव्य भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.  रामलला जनवरी 2024 में अपने मंदिर में विराजमान हो जाएंगे.  लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में आ रहे हैं और भगवान का दर्शन पूजन कर रहे हैं. अयोध्या में  रामनगरी से 4 किलोमीटर दूर स्थित सूर्य कुंड का भी सौंदर्यीकरण कर रही है। अयोध्या में पौराणिक स्थल हैं उनको विकसित किया जा रहा है। उसी में सबसे पहले सूर्य कुंड को विकसित किया जा रहा है  अयोध्या में  अयोध्या की प्राचीन मठ मंदिर और कुंडों को भी देख सके, अयोध्या  मे भरत तपोस्थली,गुपतारधाट, विद्याकुण्ड, सूर्य कुंड आदि तमाम  स्थल है। 

     अयोध्या में आने वाले जो भी श्रद्धालु जन और पर्यटक आएंगे, सूर्यकुंड,गुप्तार घाट, भरत तपोस्थली आदि  को जरूर  देखे। बिना उनकी अयोध्या की यात्रा पूर्ण नहीं होगी। गुप्तार घाट  जहा  से रामजी अपनी  लीला  पूर्ण कर परमधाम  को गये थे। भरत  तपोभूमि  जहा पर भरत जी ने रामजी के  वनवास  के दौरान  चौदह वर्ष  तक राम जी के वनवास  अवधि पूरी होने तक  तपस्या  किया  था।

    भगवान राम की नगरी में एक से एक प्रसिद्ध जगह है, सूर्य कुंड की मान्यता है कि जब भगवान राम का राज्याभिषेक हो रहा था, तब उस समय सारे देवता अयोध्या आए थे और उनमें सूर्य देवता भी थे। सूर्य देवता जहा   रुके थे, जिसको ही सूर्य कुंड के नाम से जाना जाता है और वहां पर सूर्य देवता का एक मंदिर भी है।  अयोसूर्य कुंड को खूबसूरत बनाने के लिए यहां भव्य गेट बनाए गए हैं। फूड कोर्ट बनकर तैयार है यानी अयोध्या सूर्य कुंड पर आने वाले श्रद्धालुओं को ना तो पूजा पाठ की कोई समस्या होगी और ना ही बैठने की कोई समस्या होगी।  सूर्य मंदिर का जीर्णोद्धार कर दिया गया है । सूर्य कुंड की अपनी महिमा है । श्रद्धालु सूर्य कुंड आएंगे तो इस जगह को देखकर प्रफुल्लित हो जाएंगे. सूर्य कुंड में काफी बेहतर तरीके से लाइट एंड साउंड का प्रोविजन किया गया है। इस प्रकार अयोध्या  का सर्वांगीण विकास हो रहा है ।

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