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    बाजपुर। रोडवेज बस स्टेशन मात्र एक पीआरडी के जवान व कर्मचारी के हवाले, परिवहन विभाग ने बाज़पुर बस स्टेशन को उसके बदहाल पर छोड़ा।

    रिपोर्टर :अमीर हुसैन बाजपुर/ उधम सिंह नगर

    बाजपुर। रोडवेज बस स्टेशन बाजपुर वर्तमान में पीआरडी के जवानों के हवाले कर  विभाग ने रोडवेज के कर्मचारियों को हटा कर रोडवेज बस स्टेशन को  उसके बदहाल पर छोड़ दिया है।नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य द्वारा बाजपुर व आसपास के इलाके को बेहतर  रोडवेज परिवहन की सेवा देने के उद्देश्य से बाजपुर में रोडवेज बस स्टेशन की स्थापना की गई। जिसमें  शुरुआत में जहां लगभग आधा दर्जन कर्मचारी तैनात थे जो दिन रात रहकर अपनी सेवा को अंजाम दे रहे थे।जिन्हें विभाग ने पूर्व में घटाकर कर्मचारियों की संख्या को तीन कर दिया और अब वर्तमान में केवल एक ही अधिकारी दिन में तैनात रहता है जबकि रोडवेज बस स्टेशन दिन रात खुला रहता है और  यहां पर भारी संख्या में बसों का आवागमन चलता रहता है।

    रात में कोई भी विभाग का कर्मचारी  तैनात नहीं रहता है जिससे यात्रियों को भी काफी परेशानी होती है वर्तमान में सिर्फ एक पीआरडी का एक जवान ही  रात में तैनात रहता है उसी के हाथ में पूरे रोडवेज बस स्टेशन की कमान रहती है।जहां पहले बड़े बड़े वायदे किए गए थे कि हम बाजपुर वासियों के लिए बेहतर सेवाएं देंगे और रोडवेज को डिपो बाजपुर को बनाएंगे लेकिन डिपो बनाना तो दूर रोडवेज बस स्टेशन ही सही तरह से सुचारू रूप से नहीं चल रहा है। विभिन्न रूटों को चलने वाली बसों का जहां अकाल है वही लंबे रूट की बसें बाजपुर से बाहर ही आती-जाती हैं रोडवेज बस स्टेशन पर फैल रही इस अव्यवस्था से यात्रियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

    • बाजपुर रोडवेज बस अड्डे से लोकल के नहीं कोई वस यात्री परेशान होते हैं 

    रोडवेज बस स्टेशन का उद्घाटन 18 दिसंबर 2020 को पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने किया था करोड़ों रुपए से बने इस रोडवेज बस स्टेशन का दिन-ब-दिन वजूद ही खत्म होता जा रहा है।क्योंकि ना तो यहां से रामपुर के लिए कोई बस सेवा है ना ही कोई मुरादाबाद के लिए और तो और नजदीक के शहर काशीपुर हल्द्वानी नैनीताल रामनगर बरेली रुद्रपुर  तक के लिए भी कोई बाजपुर से सीधी बस सेवा नहीं है।पहले की अपेक्षा बसों की संख्या भी काफी कम हो गई है जिससे यात्रियों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है और मजबूरी बस जान जोखिम में डालकर प्राइवेट बसों का  सहारा लेना पड़ रहा हैं।

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