Header Ads

  • INA BREAKING NEWS

    हरदोई। अर्चना बाजपेयी आकाशवाणी से 23 को करेंगी काव्य-अर्चना।

    ........... पर्यावरण, प्रकृति पर होगा काव्यपाठ 

    हरदोई। चाहे खुला बहाव मिले या घूंघट की ओट पर प्रतिभा बहती सरिता की तरह अपने सतत प्रवाह से नयी राह बना ही लेती है. उसमें भी काव्य-अनुसंधान की गति हो तो आकाश-सा विस्तार स्वाभाविक है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है घर-परिवार के दायित्व निर्वहन के साथ लेखनी संभालने वाली गंगा-रामगंगा की पंचनद कटरी से जुड़ी कवयित्री अर्चना बाजपेयी ने. उनकी पर्यावरण, बसंत एवं विभिन्न भावों पर आधारित काव्य गीतिका का प्रसारण आकाशवाणी से 23 फरवरी को अपराह्न 1.15 बजे होगा। इसके पहले स्वतंत्रता दिवस की पूर्व वेला 13 अगस्त 2022 को भी आकाशवाणी से कवयित्री अर्चना बाजपेयी की कविताओं का प्रसारण हो चुका है। साथ ही कवयित्री बाजपेयी द्वारा काव्यकृति 'मौन मुखर हुआ' की रचना की जा चुकी है जिसका शीघ्र लोकार्पण होगा। 

    कवयित्री बाजपेयी की इस उपलब्धि पर व्यंगकार अरुणेश मिश्र, श्री सरस्वती सदन के मंत्री व कवि मनीष मिश्र एवं पुस्तकालयाध्यक्ष सीमा मिश्र, कवयित्री सीमा गुप्ता व कवयित्री सुधा मिश्र, साहित्यकार ब्रजराज सिंह तोमर, कवि रामदेव बाजपेयी आदि साहित्यिक एवं सामाजिक क्षेत्र के लोगों ने खुशी जताते हुए काव्य जगत में नये आयाम गढ़ने की उन्हें शुभकामनाएं दीं।फरुखाबाद स्थित पक्कापुल निवासी श्याममनोहर मिश्र एवं प्रकाशवती के आंगन में जन्मी कवयित्री अर्चना बाजपेयी एनएकेपी डिग्री कालेज के छात्र जीवन से ही अपनी लेखनी के रंग बिखेरने लगीं थीं. फिर पंचनद स्थित बड़ागांव निवासी समाजसेवी अवनिकांत बाजपेयी से सात फेरे लेने के बाद घर-परिवार के दायित्व निर्वहन से समय निकालकर अपनी लेखनी को गति देती रहीं। 

    श्री सरस्वती सदन की लाइब्रेरियन सीमा मिश्र के मुताबिक सदन सभागार में रचनाकार कंचन तिवारी के संयोजन में हुए महिला कवि सम्मेलन में पहली बार कवयित्री अर्चना बाजपेयी ने मंचीय काव्यपाठ कर जनपद की सराहना बटोरी और वर्तमान में वह देश-प्रदेश के सरकार-अर्द्धसरकारी व साहित्यिक मंचों पर अपनी रचनाओं से राष्ट्रीय एवं सामाजिक चेतना बिखेर रहीं हैं। 

    Post Top Ad


    Post Bottom Ad


    Blogger द्वारा संचालित.