शाहजहांपुर। अन्तर्राज्जीय चोर/डकैती गिरोह का भण्डाफोड, पंखिया गिरोह के मुखिया सहित 10 सक्रिय सदस्य गिरफ्तार।
फै़याज़उद्दीन साग़री
शाहजहांपुर। शाहजहांपुर बिहार राज्य मे सर्राफा की दुकानों मे डाली गयी डकैती की 02 घटनाओं का खुलासा, डकैती की घटनाओं से सम्बन्धित कुल 2,71,200/- रूपये नगद करीब 320 ग्राम सफेद धातु के आभूषण व डकैती की घटना मे प्रयोग किये जाने वाले आला नकब बरामद ।जनपद के थाना क्षेत्र निगोही के ग्राम ईशापुर, मिलकिया, बलरामपुर मे रहने वाले पंखिया जाति के कुछ लोग संगठित गैंग बनाकर प्रदेश सहित अन्य जनपदो मे सुनार कि दुकानो कि रैकी करके रात्रि के समय उनमे चोरी, लूट, डकैती कि घटना कारित करते है । ये लोग घटना करके ज्वैलरी, नगदी इत्यादि लेकर वापस लौटते है । इस तरह के संगठित अपराध कि रोकथाम हेतु निरंतर पुलिस टीम ग्राउड इन्टेलिजेंस व अन्य संसाधनो के माध्यम से इनकी गतिविधियो पर निरंतर निगरानी रखती है । इसी क्रम मे जनपदीय एस0ओ0जी0 टीम को मुखविर द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी कि अभी हाल फिलहाल मे ग्राम ईशापुर व मिल्किया मे रहने वाले कुछ लोग बिहार के जनपद लखीसराय गये है जो वहां पर डेरा लगाकर किसी स्थान पर रूके हुए है ये लोग लखीसराय जनपद के आसपास 40-50 कि0मी0 के ऐरिया मे ज्वैलर्स कि दुकानों मे लूटपाट कि घटनाओं को अंजाम देकर वापस शाहजहांपुर लोटेंगे । इस सूचना पर तत्काल बिहार पुलिस से सम्पर्क किया गया एवं इस गेंग के मूवमेन्ट पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही थी तो बिहार पुलिस कि भी एक टीम शाहजहांपुर पहुची ।
एस0 आनन्द, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद शाहजहांपुर के निर्देशानुसार अपर पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन व क्षेत्राधिकारी अपराध के निकट पर्यवेक्षण मे रात्रि मुखविर कि सूचना पर एक संयुक्त पुलिस कार्यवाही मे एस0ओ0जी0 टीम शाहजहांपुर एवं बिहार पुलिस द्वारा कुल 10 नफर लोगो को निगोही रोड़ टैम्पो स्टैण्ड के पास समय करीब 01.30 बजे रात्रि गिरफ्तार किया गया है । जिनके कब्जे से करीब 2,71,200/- रूपये (दो लाख इख्खेतर हजार दो सौ रूपये) नगद 320 ग्राम चांदी के आभूषण, चादी के सिक्के व वादी मुकदमा कि दुकान के महत्वपूर्ण दस्तावेज इत्यादि समान बरामद हुआ है ।
पूछताछ का संक्षिप्त विवरण
सभी पकडे गये अभि0गण ने पुछताछ पर बताया कि हम सभी लोग एक ही गांव के पंखिया जाति के है तथा आपस मे एक दूसरे के रिस्ते/नातेदार है । हम लोग गांव से टोली बनाकर महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गो के साथ प्रदेश व अन्य प्रदेश के जनपदो मे चले जाते है, वहां रेलवे स्टेशन या अन्य स्थानो पर अपना डेरा लगा लेते है । दिन के समय हम लोग डेरे से 50 कि0मी0 के अन्दर क्षेत्र मे किसी सामान इत्यादि कि फेरी लगाने व बेचने के बहाने से सुनार कि ऐसी दुकानो कि रैकी कर लेते है जो आउट स्कार्ट/एकान्त में होती है तथा जिसमे आसानी से चोरी कि जा सके । उसके बाद हम लोग रात्रि के समय दुकान पर जाकर हमारे पास मिले औजारो व लकडी कि बल्ली इत्यादि कि मदद से दुकान का सटर उठाकर दुकान के अन्दर मौजूद तिजोरी/अलमारी/लोकर को तोड़कर नगदी ज्वैलरी इत्यादि सामान चोरी कर लेते है । और फिर सुबह के समय वापस अपने डेरे पर आ जाते है । चूकि चोरी के स्थान से हमारे डेरे कि दूरी काफी होती है तो हम पर किसी को शक नही होता है । एक बार के ट्रिप मे 15 से 20 दिन के अन्दर हम लोग इसी तरह से डेरे से अलग अलग दिशाओं मे 2 से 3 घटनाओं को अंजाम देकर टूकड़ों मे वहां से वापस अपने गांव लौट आते है । कई बार हम लोग ज्वैलरी इत्यादि को रास्ते मे सुनार के यहां बेच देते है तथा कई बार अपने साथ भी ले आते है । यहां आकर उसे बेच देते है । बेचकर मिले रूपयो को आपस मे बराबर - बराबर बाट लेते है । पुलिस से पकडे जाने के डर से हम लोग बच्चो व महिलाओं के माध्यम से चोरी का सामान लाते है । यदि हम लोगो को मजबूरी वस चोरी का सामान लाना पड़ता है तो हम लोग ऐसे समय से चलते है कि हम लोग देर रात्रि या रात्रि काल मे पहुचकर अपने गांव चले जाये । हम लोग करीब एक माह पहले लखीसराय बिहार गये थे । हम लोगो ने वहां पर शिवरात्रि से एक दिन पहले चानन थाना क्षेत्र मे तथा शिवरात्रि के दो दिन बाद अलीगंज कस्बे मे दो अलग अलग सुनार कि दुकानो मे चोरी की घटना की थी । उक्त दोनो घटना मे मिले सोने व चांदी कि ज्वैलरी को हम लोगो ने वापस आते समय जनपद मुजफ्फरपुर बिहार मे एक सुनार की दुकान पर बेच दिया है । जो रूपये हमारे पास से आज बरामद हुए है वो चोरी के आभूषण को बेचकर हमे मिले थे । चोरी के सामान से कुछ आभूषण हमने घरेलू उपयोग के लिये बचा लिये थे वो भी आपको मिल चुके है । वादी कि दुकान से उसके कुछ कागजात भी मिले थे जो हम लोगो के पास बेग मे ही हम लोगो के पास ही थे । आज हम लोग होली का त्यौहार अपने गांव मे करने के लिये जा रहे थे कि आप लोगो के द्वारा पकड लिया गया ।