कानपुर। उर्सला हॉस्पिटल में मरीजों को फल वितरण, तंदुरुस्ती की दुआ की।
इब्ने हसन ज़ैदी\कानपुर। इस्लाम में मरीजों की देखभाल व मिज़ाज पुरसी की बहुत बड़ी फ़ज़ीलत आई है उस को अल्लाह की रज़ा और पैगम्बर ए इस्लाम की सुन्नत बताया है | खुद पैगम्बर ए इस्लाम बीमारों को देखने जाते और हमें उसका आदेश भी दिया है | हदीस में है जो व्यक्ति किसी बीमार को देखने गया तो वापस होने तक जन्नत के फल चुनने में रहा | ऐसी हालत में इयादत न करे ,इयादत को जाये और मरीज़ की परेशानी देखे तो मरीज़ के सामने ये ज़ाहिर न करे कि तुम्हारी हालत खराब है और ना सर हिलाए जिससे हालत खराब होना समझा जाता है उसके सामने ऐसी बातें करनी चाहिए जो उसको अच्छी मालूम हो उसकी मिज़ाज पुरसी करे उसके सर पर हाथ ना रखे मगर जबकि खुद उसकी ख्वाहिश करे,फ़ासिक़ कि इयादत भी जायज़ है क्योंकि इयादत हुकुके इस्लाम में से है।
आल इंडिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल के तत्वाधान में ग़रीब नवाज़ हफ़ते के अंतर्गत आल इंडिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत (मौलाना) मो. हाशिम अशरफ़ी के नेतर्त्व में उर्सला हास्पिटल में सय्यद अतहर अली,मास्टर नौशाद आलम मंसूरी, हाशिम अली रिजवी , मुशरान माबूद, यूसुफ रजा कानपुरी कारी गुलाम साबिर, समी कुरेशी, हाफिज अब्दुर्रहीम बहराईची, हाफिज मो.अरशद अशरफी,हाफिज नियाज़ अहमद अशरफी,हाफिज मो.रिजवान,कारी मो.अहमद अशरफी,वासिफ रजा अशरफी आदि ने मरीजों के पास जा जा कर फल बांटे और मिज़ाज पुर्सी की | और मौलाना अशरफ़ी ने मरीजों की तन्दरुस्ती के लिए दुआ फरमाई।