कानपुर। इस्लाम हमें अपना जीवन प्रकृति के नियमों के मुताबिक जीने की देता सीख- ज्योति बाबा
........... हर प्रकार का नशा इस्लाम में है हराम...ज्योति बाबा
इब्ने हसन ज़ैदी\कानपुर। कुरान में नशा हराम माना गया है इस्लाम धर्म यह कहता है कि शरीर भगवान का तोहफा है और इंसान को अपनी शख्सियत बचा कर रखनी चाहिए,तंबाकू और अन्य तरह के नशे के शरीर पर खराब असर के कारण ही इसे हराम माना गया है अल्लाह के नबी कहते हैं जिस चीज की अधिक मात्रा नशा पैदा करें उसकी थोड़ी मात्रा भी हराम है उपरोक्त बात नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के तहत सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में मकर संक्रांति के परिप्रेक्ष्य में कोरोना गाइडलाइंस के तहत आयोजित नशा हटाओ गंगा बचाओ नौका यात्रा में अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख व नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने आगे कहा कि कोरोनावायरस का वैश्विक संकट बेहिसाब लालच, प्रकृति के अंधाधुंध शोषण और अतिशय उपभोग वाले विवेकहीन विकास के आर्थिक मॉडल की असफलता की घोषणा है परिणामस्वरूप हाल ही में जोशीमठ में धरती धसने भूस्खलन के कारण हजारों लोगों का जीवन संकट में पड़ गया है।
ज्योति बाबा ने कहा कि यदि अभी हम सचेत नहीं हुए और अपनी विवेकहीन अनैतिक भोग आधारित जीवन शैली पर हमने पुनर्विचार नहीं किया तो हम देश में गंगा यमुना जैसी धार्मिक व भारत की लाइफ लाइन कहलाने वाली पवित्र नदियों के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लगा देंगे और आने वाली पीढ़ी गंगा और यमुना नदियों के बारे में विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी की तरह किताबों में पढेगी, ज्योति बाबा ने बताया कि इस्लाम की जन्मस्थली मरुस्थल है इसीलिए इस्लाम में जल को जीवन का रहस्य की प्रतिष्ठा दी गई है कुरान में पानी को न सिर्फ पाक करार दिया गया है बल्कि इसे अल्लाह की तरफ से मनुष्य के लिए एक नेमत बताया गया है मनुष्य जंतु पक्षी और पेड़ पौधों के लिए पीने योग्य पानी के संरक्षण को इबादत का ही एक रूप कहा गया है इसीलिए फैक्ट्री के प्रदूषित पानी को जल स्रोतों में छोड़ना भी एक तरह से इस्लाम की नजर में गुनाह है। अन्य कार्यक्रम में प्रमुख राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी के जस्सी शुक्ला, बबीता श्रीवास्तव,अंजू सिंह,विमल माधव,कुंदन सैनी,गीता पाल,किशोर इत्यादि थे।