देवबंद। स्वामी दीपांकर जी महाराज की भिक्षा यात्रा का 57वां दिन।
........ मानव श्रंखला बनाकर दिया गया एकता का संदेश, एकजुट रहने की अपील।
शिबली इकबाल\देवबंद। अंतर्राष्ट्रीय ध्यानगुरु स्वामी दीपांकर जी महाराज द्वारा सनातन धर्म को एक सूत्र में बांधने एंव जात पात समाप्त करने,देश प्रेम मानव में पैदा करने के उद्देश्य से निकाली जा रही भिक्षा यात्रा को क्षेत्र के लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।यात्रा विगत 57 दिनों से हर दिन नए लक्ष्य की प्राप्ति कर रही है।ब्रहस्पतिवार को युवाओं ने स्वामी स्वामी दीपांकर जी महाराज की भिक्षा यात्रा का मानव श्रृंखला बनाकर पुरजोर समर्थन किया गया।स्वामी दीपांकर जी महाराज ने कहा कि यात्रा के साथ सनातन जगत के लोगों का भारी संख्या में जुड़ना इस बात का प्रमाण है कि सनातन धर्म के लोग अब जात पात में विभाजित नहीं होना चाहते हैं।कहा कि हिंदू अब एक होना चाहता है सनातनी होना चाहता है एक परिवार की तरह रहना चाहता है।
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स्वामी जी के साथ मानव श्रंखला बनाकर एकता का सदेंश देते देवबंद का युवा वर्ग |
उन्होंने कहा कि यात्रा का नारा है कि पहले राष्ट्र नो कास्ट। स्वामी जी ने कहा कि भिक्षा मांगना सन्यासी का अधिकार है इसलिए वह सनातन धर्म के लोगों से एक हो जाने और बुराइयों को त्याग देने की भिक्षा मांग रहे हैं।कहा कि मानव श्रृंखला का यह संदेश है कि यदि हम जातियों में बटे हैं तो बूंद भर है।अगर हिंदू है तो 100 करोड़ है भिक्षा यात्रा सनातन धर्म को जोड़ने का एक सूत्र में पिरोने का अनुभव करा रही है।जातिगत गणना करा कर हिंदुओं को जाति में बांटना आसान है मगर एक साथ जुटाना मुश्किल पर भिक्षा यात्रा का उद्देश्य ही सनातन धर्म को एक करना है।