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    बलिया। जिला महिला चिकित्सालय कि एस एनसीयू सेवा ठप, महिलाओं ने व्यक्त किया आक्रोश.

    बलिया। जिला महिला चिकित्सालय स्थित एस एनसीयू के ठप होने से अस्पताल में शिशुओं को जन्म देने वाली प्रसूताओं और उनके सहयोगियों में विराट संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। इस संबंध में सीएमएस डा.सुमिता सिन्हा ने बताया कि हमारे अस्पताल की एस एनसीयू के संचालन में शिशु रोग के चिकित्सकों की आवश्यकता है। जिसके लिए 14दिसम्बर को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित एंडी आजमगढ़,शासन और प्रन्तीय एस एनसीयू से लगातार लिखित और फोन से सम्पर्क किया गया। 

    सीएमओ डा.जंयत कुमार ने आदेश जारी कर वरिष्ठ शिशु चिकित्सक सीएचसी सोनवानी और डा.रजत चौरसिया की तैनाती कर दिया। सीएमएस के अनुसार किसी नव तैनात शिशु रोग विशेषज्ञ ने अब तक विधिवत यहां कार्यभार ग्रहण नहीं किया। लगता है के उक्त चिकित्सको पर सीएमओ के आदेश का कोई असर नहीं पड़ा।इस संबंध में वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा.राशिद इमामुद्दीन से पुछा गया तो उन्होंने बताया कि  हमारे अस्पताल की एस एनसीयू में प्रति दिन 35-40 संक्रमित बच्चे उपचार कर लिये भर्ती होते जिनकी 24घण्टे निगरानी करनी पड़ती है। 

    जब तक हमसे बन पड़ा हमें मरीज बच्चों की सेवा करता रहा।  इसके बाद भी ओपीडी,आईपीडी के बावजूद अपराह्न् तक मरीज देखा जाता रहा। अकेले लगातार दिनरात डियूटी करने के कारण इधर काफी बिमार पड़ गया। हमारी दिक्कत को  देखते हुए। महिला अस्पताल के लिए दो शिशु चिकित्सकों की सीएमओ से लिखित रूप में मांगा गया है। जब तक शिशु रोग विशेषज्ञ की तैनाती अस्पताल में नहीं किया जाता,तबतक एस एनसीयू यूनिट का विधिवत संचालन कर पाना सम्भव नहीं है।

    इस सम्बन्ध सुखपुरा निवासी पीड़ित प्रसूता पिंकी पत्नी श्याम जी साहनी ने बताया कि 15 दिसम्बर को एक बालिका का उसने अस्पताल में जन्म दिया जिसे देखकर शिशु रोग चिकित्सक ने उसे एस एनसीयू में भर्ती कराने की सलाह दी,और जब हम एस एनसीयू में पहुंचे तो वहां मौजूद स्टाफ ने बताया कि यहां सेवा ठप है। बाध्य होकर निजी नर्सिंग होम  स्थित एसएनसीयू नर्सरी मैं बच्चे को भर्ती कराया जहां आज तक हजारों रुपए नगद देने पड़े। 

    एक अन्य मरीज रशीदि खान निवासी बांसडीह कस्बा ने बताया कि पहले उसे एक बच्चे को जनम दिया है जो संक्रमित होने के कारण एसएलसी यूनिट के लिए रेफर किया गया जिसके ठप होने के बाद उसे निजी चिकित्सालय नर्सरी में भर्ती कराना पड़ा जहां एक हजार प्रतिदिन के हिसाब से नगद भुगतान करना पड़ा है। एसएनसीयू यूनिट के खराब होने से जिला अस्पताल में प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में संक्रमित बच्चे और उनके अभिभावक आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। परंतु स्वास्थ्य विभाग इस संवेदनशील समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिसके चलते हैं प्रतिदिन दर्जन भर के बच्चो परमौत का खतरा मंडरा रहा है। इस समस्या पर समस्त जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के उच्चाधिकारियों का ध्यान तत्काल अपेक्षित है।


    सैय्यद आसिफ़ हुसैन जै़दी                     

    Initiate News Agency (INA), बलिया   


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