हरदोई। जीते जी रहे वारिस और मरते ही हो गया लावारिस, भर्ती कराने वाले भतीजे के जाते ही टूट गई सांसें।
......... पुलिस ने शव को कब्ज़े में ले कर कराया पोस्टमार्टम
हरदोई। इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि जब तक जान थी,तो सभी अपने थे, लेकिन सांसों का साथ छूटते ही अपने भी पराए हो गए। बात गिरेन्द्र नाम के उस बुज़ुर्ग की की जा रही है,जिसे उसके भतीजे ने इलाज के लिए मेडिकल कालेज में भर्ती कराया था और भतीजे के जाते ही उसकी सांसें थम गई। नतीजतन वारिस होते हुए गिरेन्द्र के शव को लावारिस मान लिया गया।
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प्रतीकात्मक:फोटो |
बताया गया है कि बेहटा गोकुल थाने के बलेहरा गांव निवासी 60 वर्षीय गिरेन्द्र को पेट में दर्द की शिकायत पर उसके भतीजे रावेन्द्र ने शनिवार को एम्बुलेंस-108 से मेडिकल कालेज पहुंचवाया। वहां डाक्टरों ने उसे भर्ती करते हुए इलाज शुरू कर दिया। भतीजा रावेन्द्र किसी काम से वहां से चला गया। उसके जाते ही गिरेन्द्र की मौत हो गई।जब काफी देर कोई वारिस नहीं पहुंचा तो गिरेन्द्र को लावारिस मान कर उसके शव को मुर्दाघर में बंद करा कर पुलिस को सूचना भेज दी गई। इस बारे में रावेन्द्र का कहना है कि जब वह वापस लौटा तो उसे इस बारे में पता चला। वहीं एसएचओ कोतवाली शहर संजय पाण्डेय का कहना है कि शव का पोस्टमार्टम कराया गया, उसके बाद शव गिरेन्द्र के घर वालों के सुपुर्द कर दिया गया है।