ग़ाज़ीपुर। लोगों की जरूरतों में काम आना ही इंसानियत है।
महताब आलम\ग़ाज़ीपुर। मानवता और सद्भावना हेतु समर्पित संस्था आल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम ग़ाज़ीपुर यूनिट ने ठिठुरती सर्दी में आज दिनांक 30 दिसंबर 2022 को ग़ाज़ीपुर घाट स्थित झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले ज़रूरतमंदों में कपड़ा वितरित किया। कार्यक्रम संयोजक नजमुस्साकिब अब्बासी ने कहा कि ज़रूरत है कि आज इंसानियत का हाथ थामा जाए, उनके दुःख-दर्द को सुना जाय, इसलिए मानवता की सेवा को ही हमने अपना परम् उद्देश्य बना लिया है।इस तरह के आयोजन हमें एक दूसरे की तकलीफों और आवश्यकताओं को समझने और उनके निराकरण में अपना हर सम्भव सहयोग प्रदान करने की प्रेरणा देते हैं।
आबिद हुसैन ने कहा कि मानव समाज की सबसे बड़ी नेमत मानवता है,अगर किसी को ये मिल गई तो वह समाज का सबसे धनी और सुखी व्यक्ति माना जायेगा,अतःहमें चाहिए कि हम हर किसी के दुःख दर्द में काम आएं।शाहिद जमाल ने कहा कि वर्तमान में जबकि मानवता संकट में है तो ज़रूरत है कि समाज के मध्य जाकर उनमें मानवता का संचार किया जाय और उनके दुःख-दर्द में शामिल हुआ जाय। मुहम्मद अम्मार ने कहा कि इंसानियत ऐसा शब्द है कि जिसपर समस्त मानव समाज को एकजुट किया जा सकता है, आज समाज में जो विघटन है उसे दूर करने के लिये मानवता के कार्यों से समाज को जोड़ना ज़रूरी है। उमर अब्बासी ने कहा कि सद्भावना को कामयाबी हासिल करने के लिये मानवता का हाथ थामना होगा।