अयोध्या। भगवान श्रीरामलला का तीन दिवसीय 74 वां प्राकट्य उत्सव धूमधाम से शुरू
--3 दिवसीय भव्य आयोजन में होगा वेद की संहिताओ का पाठ और रामार्चा पूजन
अयोध्या। रामनगरी में भगवान रामलला का 74 वां प्राकट्य उत्सव धूमधाम से शुरू हो गया। इस तीन दिवसीय आयोजन में 25 दिसंबर को रामलला की शोभा यात्रा संतों-महंतों और हनुमानगढ़ी के निशान के साथ रामकोट की परिक्रमा करेगी। इस आयोजन का आरंभ आज रामलला के अस्थाई मंदिर के गर्भगृह में पूजित कलश की स्थापना के साथ हुआ।
1949 में पौष की तृतीया को भगवान रामलला प्रकट हुए थे।तब से श्रीराम जन्मभूमि सेवा समिति भगवान रामलला का प्राकट्योत्सव मना रही है। श्रीराम जन्मभूमि सेवा समिति के मुताबिक आज 1992 के बाद पहली बार भगवान राम लला के अस्थाई गर्भगृह में कलश स्थापित हुआ। सुरक्षा प्रतिबंधों के कारण समिति को इस आयोजन में अनेक प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना के बाद से रामलला के दर्शनार्थियों के साथ ही ऐसे उत्सवों की भव्यता बढ़ती जा रही है। अब रामलला के दरबार में रामनवमी, सावन झूला आदि उत्सव धूमधाम से मनाए जा रहे हैं। रामलला को बेड और मच्छरदानी के साथ रजाई और एसी के साथ ब्लोअर आदि की सुविधा भी मिली हुई है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना के बाद से रामलला के दर्शनार्थियों के साथ ही ऐसे उत्सवों की भव्यता बढ़ती जा रही है। अब रामलला के दरबार में रामनवमी, सावन झूला आदि उत्सव धूमधाम से मनाए जा रहे हैं।
रामलला को बेड और मच्छरदानी के साथ रजाई और एसी के साथ ब्लोअर आदि की सुविधा भी मिली हुई है।रामलला चारो भैया के लिए नित भव्य वस्त्र के साथ सोने के हार और मुकुट सहित अनेक प्रकार की सेवाओं का दायरा बढ़ा है। रामलला के भोग आदि में भी ट्रस्ट मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की सलाह में लगातार बेहतर व्यवस्था कर रहा है।
Initiate News Agency (INA)