कानपुर। एके 47 वाली भतीजी के सहारे कानपुर में बर्खास्त सिपाही चला रहा हनी ट्रैप गैंग।
.......... देश के कई शहरों में आधा दर्जन लोगो पर दर्ज करा चुका भतीजी से रेप का केस, कानपुर में व्यापारी को भेजा था छूटने के बाद पीड़ित ने सिपाही भतीजी के गैंग पर दर्ज कराई एफसीआर।
इब्ने हसन ज़ैदी\कानपुर। देश में हनी ट्रैप गैंग वैसे ज्यादातर बड़े शहरों में कई बार सामने आ चुके हैं। लेकिन कानपुर में एक बर्खास्त सिपाही और उसकी एके 47 वाली भतीजी का गैंग इतना शातिर है कि वह देश के कई शहरों में अब तक छह व्यापारी अधिकारियों को अपने शिकार में बना चुका है। हैरानी तो यह है यह सिपाही खुद अपनी एके-47 वाली भतीजी को सामने लाकर लोगों को अपने हनी ट्रैप का शिकार बनाता है। सोशल मीडिया पर अपनी एके-47 के साथ फोटो खिंचवाने वाली यह भतीजी एके-47 के नाम से चर्चित है।
कानपुर के बिल्डर व्यापारी को भी इस भतीजी ने अपने जाल में फसाया था लेकिन जेल से छूटने के बाद इस व्यापारी ने इसके पूरे रैकेट का खुलासा किया तो पुलिस ने बर्खास्त सिपाही उसकी भतीजी वाले गैंग पर एफ आई आर दर्ज करके कार्रवाई शुरू की। इस गैंग के दो राज्यों में अब तक छै शिकार सामने आ चुके है। सीमा राजपूत ने अपने बर्खास्त सिपाही चाचा रविंद्र सिंह राजपूत के साथ मिलकर कानपुर के इस हरिश्चंद्र पांडे को अपने जाल में फंसाया था रविंद्र सिपाही होते हुए भी राखी मौरंग का काम करता था। हरिशचंद का भी कल्याणपुर में राखी मौरंग का थोक कारोबार है इसी चक्कर में उसकी हरिश्चंद्र से दोस्ती हुई थी इस दोस्ती में ही उसने पहले हरिशचंद से ढाई लाख रुपया मौरंग के लिए एडवांस में लिया। फिर हरिश्चंद्र ने पैसा मांगा तो उसने अपनी भतीजी सीमा को सामने करके हरिश्चंद्र को हनीट्रैप के जाल में उलझा दीया। हरिश्चंद्र के मुताबिक सीमा ने उसे कई बिल्डरों को मोरग सप्लाई के ऑर्डर दिलवाने के नाम पर एक होटल में बुलाया लेकिन वहां उसकी हरकतें देखकर रिसेप्शसन के पास से ही बाहर निकल के भाग गए इसके बाद सीमा ने मेरे ऊपर आरोप लगाया कि तुमने मेरे साथ गलत किया है और रविंद्र ने भतीजी के द्वारा कल्याणपुर थाने में मेरे ऊपर रेप की एफ आई आर दर्ज करा दी हरिश्चंद्र चिल्लाते रहे की मैं उससे मिला ही नही लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं सुनी उनको जेल भेज दिया इसके बाद सीमा और रविंद्र हरिचंद की पत्नी से समझौते के नाम पर 50 लाख की डिमांड करते रहे तीन महीने बाद जब हरिश्चंद्र छूट के आए तो उन्होंने सीमा और सिपाही रविंद्र का पूरा रिकॉर्ड खोजना शुरू किया इस दौरान उरई छतरपुर भोपाल जैसे शहरों में उनको छै पीड़ित व्यापारी अधिकारी मिले जिन पर सीमा ने रविंद्र के साथ मिलकर रेप के मुकदमे दर्ज कराए थे।
हरिशचंद के मुताबिक सीमा हमेशा रविंद्र के साथ रहती है यह लोग महोबा हमीरपुर के रहने वाले हैं इसमें सीमा पहले अपनी आकर्षक फोटो भेज कर व्यापारियों को अपने जाल में फंस आती थी उनके खिलाफ रेप के फायर दर्ज कराती थी उसने भोपाल में दो रेलवे अधिकारियों के खिलाफ रेप के फायर दर्ज कराई उरई में 2 लोगों के खिलाफ रेप के फायर कराई है एक क्रेशर व्यापारी के खिलाफ भी कराई है इस दौरान छतरपुर में सीमा और रविन्द्र एक व्यापारी की शिकायत पर पकड़े गए और जेल भेज दिया गए थे जहां से 11 महीने बाद उनकी जमानत हुई हरिश्चन्द ने लाखों खर्चा करके इनकी एफआईआर और रिकार्ड इकठ्ठा किये फिर रिकॉर्ड के साथ कानपुर में पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की तो अधिकारियों के सामने सीमा और रविंद्र के हनी ट्रैप गैंग का खुलासा हो गया इसके बाद कल्याणपुर थाने में ही सीमा रविंद्र और उनके गैंग के अन्य सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कर ली सिपाही रविन्द्र ललित पुर में पोस्ट था जिसे कानपुर जोन के एडीजी ने बर्खास्त कर दिया था लेकिन इधर कानपुर में सीमा और रविन्द्र फिर व्यापारी हरिश्चंद्र पर पैसे देने का दबाव बंनाने लगे है पुलिस का कहना है। कल्याण पुर थाने व्यापारी हरिश्चन्द ने सिपाहा रविन्द्र और उसकी भतीजी के गैंग पर एफआईआर दर्ज कराई थी जांच के बाद सिपाही रविंद्र को पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया है और इस केस में चार्जशीट अदालत में लगा दी गई है आगे की कार्रवाई की जा रही है।
विशाल पांडे एसीपी
जिस तरह हनी मीठा होता है खूबसूरत लड़कियां की तासीर भी शायद ऐसी होती हैं शायद इसीलिए व्यापारी और बड़े लोग हनीट्रैप का इनका शिकार बन जाते हैं और अगर कार्यवाही करने वाले पुलिस वालों का दिमाग भी इसमें शामिल हो जाए तो गैंग का शातिर अंदाज किसी को भी शिकार बना सकता है। ऐसे में लोगों को उनकी समझदारी ही इस गैंग के चंगुल से निकाल सकती हैं देखना है पुलिस अब इनको कब गिरफ्तार करती है क्योंकि संभावना यही है यह जेल से बाहर है तो कोई न कोई व्यापारी इनके टारगेट में फिर सेट हो रहा होगा।