सिकंदराराऊ। एसडीएम तथा ईओ ने की नाले के ऊपर अवैध निर्माण की जांच पड़ताल, एसडीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश।
सिकंदराराऊ। नाले के ऊपर हॉस्पिटल का अवैध निर्माण किए जाने की शिकायत के चलते उप जिलाधिकारी एवं अधिशासी अधिकारी ने गुरुवार को मौके पर पहुंचकर मामले की पड़ताल की। उपजिलाधिकारी ने उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप कार्रवाई करने हेतु अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए हैं।
नगर के मोहल्ला बगिया बारहसैनी एवं रोशनगंज में आए दिन जलभराव की समस्या बनी रहती है । जिससे लोगो को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नाले पर लोगों द्वारा अवैध रूप से पक्के निर्माण कर लिए गए है । जिससे जल निकासी में अवरोध हो रहा है। नालों पर अवैध रूप से किए गए निर्माणों की लोगो द्वारा उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई । शिकायत पर उपजिलाधिकारी व नगर पालिका अधिशासी अधिकारी ने मौके पर पहुँचकर मामले की पड़ताल की। अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्यवाई करने के उपजिलाधिकारी ने ईओ को निर्देश दिए हैं।
मोहल्ला बगिया बारहसैनी से होकर एक नाला गुजर रहा है । जो पुरानी तहसील रोड पर मोहल्ला नगला शीशगर की ओर निकलता है । उक्त नाले पर पुरानी तहसील रोड पर लोगों द्वारा हॉस्पिटल , मकान आदि का अवैध रूप से निर्माण कर लिया गया है । जिसके कारण पानी की निकासी में अवरोध हो गया है । पानी की निकासी न होने के कारण आए दिन मोहल्ले में जलभराव की स्थिति बनी रहती है । जलभराव की समस्या से आजिज आकर लोगों ने उपजिलाधिकारी वेद सिंह चौहान को अवगत कराया । उपजिलाधिकारी ने मामले को गम्भीरता से लेकर अधिशासी अधिकारी श्रीचंद्र के साथ गुरुवार को जांच पड़ताल की । अधिकारियों ने जांच के दौरान पाया कि लोगों द्वारा वास्तविकता में नाले पर अवैध कब्जा जमा रखा है।
बता दें कि पुरानी तहसील रोड पर बीआरसी के पास नाले के ऊपर अवैध रूप से हॉस्पिटल का निर्माण किए जाने की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई थी। जिसके चलते गुरुवार को उपजिलाधिकारी वेद सिंह चौहान एवं अधिशासी अधिकारी श्रीचंद मौके पर पड़ताल करने के लिए पहुंचे। उन्होंने नाले के ऊपर डाले गए स्लैब हटवा कर जांच पड़ताल की । हॉस्पिटल के अलावा एक अन्य व्यक्ति द्वारा भी नाले के ऊपर अनधिकृत रूप से निर्माण किया गया है।
उप जिला अधिकारी वेद सिंह चौहान ने बताया कि अवैध निर्माण की जांच करने के लिए वह अधिशासी अधिकारी के साथ मौके पर गए थे। मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। अधिशासी अधिकारी को हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप समुचित कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।