कानपुर। दीन की पनाह हुसैन हैं :- हूज़ूर बहारुल हिन्द
इब्ने हसन ज़ैदी\कानपुर। शाह अस्त हुसैन, बादशाह अस्त हुसैन, दीन अस्त हुसैन, दीन पनाह अस्त हुसैन. तिलक नगर स्थित बरकाती ग्राउंड में होने वाले 46वां सालाना प्रोग्राम पैगामे शहीद-ए-आज़म की पांचवी महफिल में हुज़ूर बहारूल हिंद ने अपनी तकरीर की शुरुआत इस शेर के साथ की।
जाजमऊ शरीफ कानपुर से हुज़ूर बहारुल हिन्द सैय्यद अब्दुल कदीर मियाँ साहब पैगामे शहीद-ए-आज़म की पांचवी महफिल को खिताब करने के लिए तशरीफ लाये और कहा कि हुज़ूर ने फरमाया हुसैन मुझसे है और मैं हुज़ूर से हूँ। प्रोग्राम का आगाज़ हाफिज़ फज़ले अज़ीम रहमानी और संचालन तालिब बेग बरकाती ने किया, मिर्ज़ा अशरफ बरकाती, दिलशाद रज़ा, अमन रज़ा और कानपुर से तशरीफ लाये कारी जमाल बरकाती शायरे इस्लाम कलीम दानिश व बहारुल हिन्द के छोटे भाई अब्दुल हमीद मियाँ साहब ने नात व मनकबत पढ़ी। रज़ा ए मुस्तफा कमेटी ने आए हुए सभी अकीदतमन्दो को चाय पिलाई मुख्य रूप से शारिक बेग बरकाती, सैय्यद इस्राफील, कामरेड रज़्ज़ाक, अब्दुल वहाब, आकिल बेग, रईस अहमद, वामिक बेग, ज़िया बेग, रूमान, फरहान गौरी, शोएब अहमद आदि लोग मौजूद रहे।