कानपुर। एतिहासिक जुलूसे ग़म।
इब्ने हसन ज़ैदी\कानपुर। मोहरम का एतिहासिक जुलूस नवाब साहिबान अहाता नवाब साहब पटकापुर का अपने रवायती अन्दाज़ में इमाम बारगाह नवाब साहिबान से उठकर शिवाला पहुँचकर जरी लेने पहुंचा जुलूस में अलम उठाकर लोगों ने लब्बेक या हुसैन अ को अपने अपने अन्दाज़ में कहा फिर शिवाला के पास से जरी (ताजीया) लेकर मातम करते हुऐ नौहा पढ़ना शुरू किया।
माहे मोहर्रम की चौखट पर सजदा करने निकला चाँद अन्जुमने रिज़वीया द्वारा नौहा ख्वानी करते हुए जुलूस इमामबारगाह (महल) नवाब साहिबान पर आकर खतम हुआ।
जुलूस में सभी धर्मों के लोग शामिल हुवे मुख रूपसे नवाब फरहत, इब्ने हसन जैदी, नवाब हुसैन, नवाब आमिर, राशिद अली, राजा, महताब, नवाब हसन रजा, अम्बिका गौतम,धर्मेंद्र कुमार पार्षद आमोद त्रिपाठी, सुहेल अहमद आदि लोगों ने शिरकत की पुलिस अधिकारीयों का बहुत अच्छा सहयोग रहा।