बाराबंकी। सरयू का बढ़ा जलस्तर पहुंचा खतरे के निशान, कटान की आशंका।
बाराबंकी। सरयू नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। जिसके चलते पूरे तराई क्षेत्र में बाढ़ की आशंका बढ़ गयी है। बढ़ते जलस्तर से जगह-जगह पर कटान भी शुरू हो गई है।जिसको रोकने के लिए बाढ़ खण्ड के पास कोई ठोस उपाय नजर नही आ रहा है।गोबरहा गांव के पास बढ़ते जलस्तर से कटान तेज हो गयी है। और इसकी जद में रविनंदन दुर्वेदी का पक्का कमान सहित अन्य आठ घर इसकी चपेट में आ गए है। काटन को रोकने के लिए बाढ़ खण्ड हरे पेड़ काट कर नदी में डाल कर उसको रोकने का जतन कर रही है।मगर अभी तक कामयाबी हासिल नही हुई है। नदी की कटान में सिंचाई मंत्री धर्मपाल व स्वाति सिंह द्वारा सनावा गांव के पास लगाया गया ड्रेजिंग परियोजना के लोकार्पण बोर्ड का सिलबट्टा भी नदी की कटान में कट कर नदी में समा गया है।बढ़ते जलस्तर से तराई क्षेत्र के कई गांव में नदी का पानी आबादी की तरफ चढ़ने लगा है।
लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए तहसील प्रशासन ने बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है।और सभी को नदी की तरफ जाने से मना कर दिया गया है।किन्तुर गांव के पास नदी का पानी अलीनगर रानीमाउ तटबंध में लग गया है।बाढ़ के पानी से शैलानी मजार पूरी तरह से घिर गई है।सिरौलीगौसपुर के करीब 30 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित होते है।और इन गांव की करीब 50 हजार लोग पलायन कर सुरक्षित स्थान पर जाते है।बाढ़ के पानी को देखते हुए लोगो ने पलायन शुरू कर दिया है।वह बांध पर त्रिपाल तान जीवन यापन करेंगे।तहसील क्षेत्र के सनावा बघौलीपुरवाभयकपुरवाटेपरामनीरामपुर,विहड़,सिरौलीगुंगसरदाहा,घुटरु,परसा,बबुरी,टेपरा,भैरवकोल,सरायसुर्जन, गोबरहा,तेलवारी, इटहुआपूर्व, परसवाल मझरायपुर, बेहटा, नव्वनपुरवा,रेता आदि गांव प्रभावित होते है।इन गांव के लोग अलीनगर रानीमाउ बांध पर पलायन कर रहते है।15 दिनों में ये सरयू नदी का तीसरा जलस्तर बढ़ोतरी है।और अन्य देशों में हो रही तेज बारिश से यहाँ पर बाढ़ की आशंका जताई जा रही है।तहसील प्रशासन ने अभी तक बाढ़ से निपटने की कोई तैयारी नही की है।बाढ़ क्षेत्र में न तो कोई सरकारी नाव के साथ बाढ़ चौकी बनाई गई है।बांध पर रहने के लिए पलायन कर आने वालों के लिए भी कोई सुविधा नहीं है।