बैतूल। जंगलों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण पर मंडरा रहा संकट, मामले में वन विभाग की भूमिका संदिग्ध, रेंजर की कार्यप्रणाली पर उठ रहे कई सवाल।
बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतुल जिले के पश्चिम वन मंडल की रेंज गवासेन के रिजर्व फारेस्ट के कक्ष क्रमांक18 में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई , जंगल में वन माफिया सक्रिय। कुछ साल पहले तक सतपुड़ा की पहाड़ियों पर सागौन के हजारों वृक्ष मौजूद थे। लेकिन आज जंगल की लकड़ियों की अंधाधुंध कटाई से ये वृक्ष दिखाई नहीं दे रहें हैं। इससे पर्यावरण संकट भी बढ़ रहा है। तस्करों द्वारा इन वृक्षों की लकड़ियों को कटवा कर चोरी छिपे सप्लाई कराया जा रहा था सूचना मिलने पर वन विभाग हरकत में आया और रेंजर के द्वारा मामले को रफा-दफा किया गया।
सूत्रों की माने तो कुछ पेड़ों की लकड़ियां ही नहीं है और जो लकड़िया है उन्हें रेंजर के द्वारा दुधनाला बीट से उठाकर दरियावगंज नाके में को छुपा कर ताला लगाकर रखा गया है जिनकी कोई गिनती नही है जो लकड़िया हाथ लगी उसकी जब्ती बना ली गई बाकी कितने पेड़ो की पी ओ आर हुई है इसकी भी कोई जानकारी नही दी गई सागौन के वृक्ष जिनकी लकड़ियां काफी कीमती होती हैं। लेकिन तस्करों की नजर इन पेड़ों की लकड़ियों पर ही टिकी रहती हैं। और मिली भगत के चलते ये अपने काम को अंजाम दे देते है जिसका परिणाम है कि वन विभाग इन तस्करों को पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाता यह हमेशा दिखाया जाता है।
गौरव मिश्रा ( एस डी ओ)
आपको बता दें कि इसके पूर्व में भी इस गवासेन रेंज से तस्करों द्वारा एक 909 ट्रक भरकर लकड़ियां पकड़ाई थी और फिर से इस रेंज में वन माफिया सक्रिय हो गए है यही कारण है कि खुले आम पॉवर चेंसा लगाकर अंधाधुंध कटाई को अंजाम दे रहे वही जगह पर ही पेड़ो की कटाई के बाद लकडियो के गुल्ले भी बनाये गए है इस पूरे मामले से यह तो साफ है की इसमे रेंजर भी कही न कही माफियाओ का साथ दे रहे है और तो और यह मामला भी इसीलिए सामने आया चूंकि दिन निकल गया था अन्यथा कितने समय से ये कटाई और सांठ गांठ के चलते वनमाफ़िया और रेंजर अपनी जेबें गरम करते आ रहे होंगे।इस पूरे मामले में रेंजर की भूमिका कही न कही संदिग्ध नजर आ रही है कारण यह है कि आज तक इस पूरे प्रकरण में कोई कार्यवाही नही की गई।
शशांक सोनकपुरिया
Initiate News Agency (INA), बैतूल