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    बागपत। जर्जर स्कूल भवन में पढ़ाई, अनहोनी होने के डर से शिक्षक किराये के मकान मे दे रहे शिक्षा।

    बागपत। शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए केंद्र से लेकर राज्य की सरकारें हर संभव प्रयास करने मे लगी है  बावजूद इसके  सरकारी स्कूलों की स्थिति  खस्ता  हाल  है  राज्यमंत्री, व सांसद के जनपद बागपत  में कई ऐसे स्कूल हैं जहां दरकती व टपकती छतों के नीचे और गंदगी के बीच बच्चो  को स्वच्छता का पाठ  पढ़ाया  जाता है सवाल यह है कि जब बच्चों को पढ़ाई के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण ही नहीं मिलेगा तो वह कैसे पढ़ाई कर सकते हैं। 

    संजय सिंह -- ( इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्राथमिक विधायलय 

    मामला बिनोली ब्लाक के टिकरी कस्बे का है  जहाँ पर इस्थित शहीद इकबाल सिंह प्राथमिक विद्यालय नम्बर 3   में अंदर प्रवेश करते ही जर्जर दीवारें, टूटा फर्श, साफ दिखाई दे रही है अनदेखी के चलते यह प्राथमिक विद्यालय की बदहाल स्थिति मेें पहुंच चुका है प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन की छत का पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है इससे यहां पर बच्चों के लिए खतरा पैदा हो गया है ऐसे में बच्चों को कमरे में बैठाना खतरे से खाली नहीं है। इसी खतरे को भांपते हुए यहां पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल के पास में ही एक मकान में बैठाकर   पढ़ाया जा रहा है शिक्षकों ने यह मकान बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए किराए पर लिया है  शिक्षकों का कहना है कि स्कूल बेहद जर्जर है इसकी छत कभी भी गिर सकती है  अधिकारियों को कई बार लिखित व मौखिक रूप से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। किसी बच्चे के साथ हादसा ना हो जाए। इस कारण एक किराए के मकान में कक्षाएं चलाने पर मजबूर है 

    विद्यालय के इंचार्ज  प्रधानाध्यापक प्राथमिक विधायलय टिकरी नम्बर 3 मे तैनात  संजय  सिंह ने बताया --

    विधायलय की बिल्डिंग काफी पुरानी हो चुकी है और जर्जर हो चुकी है विभाग को भी कई बार सूचित कराया है चैयरमैन को भी सूचित कराया गया लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई प्रयास कर रहे है बराबर में एक किराए का मकान लिया हुआ है उसमें बच्चो को पढ़ा रहे है क्योंकि छुट्टी नाहीकर सकते न ही शिक्षा से वंचित रख सकते है इसमें बच्चे सुरक्षित नही है इसलिए अंदर घुसने नही देते किराए के मकान में विधायलय चला रहे है इस विद्यालय पर कार्यवाही करते हुए ध्वस्तीकरण करना नही बिल्डिंग बनवा ढ़ी जाए या छत निकलवाकर के दोबारा छत डलवा दी जाए तो भी ये चल जायेगा। 

    आशीष त्यागी

    Initiate News Agency (INA), बागपत

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