देवबंद। पूरे महीने की होती है तरावीह न कि तीन, पांच या दस दिन की: असद कासमी
देवबंद। मुकद्दस रमजान माह में अलग अलग दिन की तरावीह में कुरआन पाक सुनने को लेकर मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि तरावीह तीन, पांच या फिर दस दिन की नहीं बल्कि पूरे महीने के लिए होती है। जो लोग पूरे महीने की तरावीह पढ़ते हैं अल्लाह उनके सभी गुनाहों को माफ कर देता है।
शनिवार को मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि जरुरी है कि रमजान माह की पहली रात से आखिरी रात तक तरावीह पढें और बड़े ही ध्यान से कुरआन के एक-एक अलफाज को सुने। कहा कि तरावीह के संबंध में कुछ लोगों का मानना है कि तीन, पांच, सात या फिर दस दिन में तरावीह में कुरआन सुन लेना ही काफी है और उसके बाद वे बेफिक्र हो जाते हैं। लेकिन शायद उन्हें यह मालूम नहीं कि कुरआन पूरा हो जाने से तरावीह पूरी नहीं हो जाती। इसलिए जो लोग महीने से भी कम समय में कुरआन पूरा कर लेते हैं उनकी जिम्मेदारी है कि वो पूरे महीने तरावीह पढ़ें। मुफ्ती याद इलाही ने कहा कि जो लोग कारोबार या अन्य कारणों के चलते एक मस्जिद या एक स्थान पर तरावीह की पाबंदी नहीं कर सकते तो वह कुछ शर्तों के साथ तीन, पांच, सात या फिर दस दिन की तरावीह पढ़ सकते हैं। लेकिन जरुरी है कि जहां कहीं भी वह जाएं तरावीह का सिलसिला जारी रखें।
शिबली इकबाल
Initiate News Agency (INA), देवबंद